Mumbai News: कांदिवली में 42 साल पुराने विठ्ठल मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए वारकरी समुदाय संघर्षरत है। एसआरए पुनर्विकास में मंदिर गिराया गया, बिल्डर ने वादा तोड़ दिया।
मुंबई,30 जुलाई: कांदिवली (पश्चिम) की सिद्धिविनायक एसआरए हाउसिंग सोसायटी में रहने वाला वारकरी समुदाय आज भी अपने 42 साल पुराने विठ्ठल मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए संघर्ष कर रहा है।
यह मंदिर वर्ष 1983 में स्थापित किया गया था और एसआरए पुनर्विकास परियोजना के दौरान ध्वस्त कर दिया गया। समुदाय का कहना है कि बिल्डर ने मंदिर को नए परिसर में फिर से बनाने का वादा किया था, लेकिन अब वह यह कहकर पीछे हट गया है कि वहां कोई मंदिर था ही नहीं।
ज्ञानोबा-तुकाराम वारकरी भजन मंडल ट्रस्ट ने बताया कि मंदिर को एसआरए की सर्वे रिपोर्ट में वैध बताया गया था और उसके पास सभी जरूरी दस्तावेज भी हैं। फिर भी प्रशासनिक प्रक्रिया और राजनीतिक अनदेखी के कारण अब ट्रस्ट को राज्य सरकार से विशेष मंजूरी लेने के लिए कहा जा रहा है।
पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने इस मुद्दे पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए कहा: “जहां हमारी पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर बनवाया, वहीं कांदिवली में विठ्ठल मंदिर तक नहीं बन पा रहा।”
यह मुद्दा सिर्फ धार्मिक आस्था का नहीं बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव का सवाल बन गया है। वारकरी समुदाय ने स्पष्ट किया है कि जब तक मंदिर पुनः स्थापित नहीं होता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।