कोल्हापुर के सिद्धार्थ नगर में दो अलग धर्मों के गुटों के बीच झड़प हुई। पथराव के कारण माहौल तनावपूर्ण, पुलिस ने मोर्चा संभाला और अतिरिक्त बल तैनात किया।
महाराष्ट्र,23अगस्त: कोल्हापुर शहर के सिद्धार्थ नगर क्षेत्र में अचानक माहौल बिगड़ गया, जब दो अलग धर्मों से जुड़े गुटों के बीच झड़प हो गई। यह घटना सर्किट बेंच से कुछ ही दूरी पर हुई, जिससे वहां मौजूद आम नागरिकों और स्थानीय दुकानदारों में भारी दहशत फैल गई। झड़प के दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर जमकर पथराव किया, जिसके कारण स्थिति कुछ समय के लिए पूरी तरह बेकाबू हो गई। आसपास मौजूद लोगों को अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भागना पड़ा और क्षेत्र में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
- कारण अब तक स्पष्ट नहीं
झड़प की शुरुआत कैसे हुई, इसका सही कारण अभी तक सामने नहीं आ पाया है। कुछ स्थानीय निवासियों का कहना है कि मामूली विवाद ने धीरे-धीरे बड़ा रूप ले लिया और दोनों गुटों के बीच हिंसक झड़प में बदल गया। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि दोनों गुटों के बीच पहले से ही तनाव का माहौल था, जो इस पथराव में फूटकर सामने आया। पुलिस ने फिलहाल इस पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है और जांच के बाद ही वास्तविक कारणों का खुलासा करने की बात कही है।
- पुलिस की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही पुलिस को झड़प की सूचना मिली, स्थानीय थाने का दल मौके पर पहुंचा और स्थिति संभालने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया। पुलिस ने दोनों गुटों को तितर-बितर कर इलाके की घेराबंदी कर दी।
हालात को देखते हुए प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है। पुलिस अब पूरे क्षेत्र में गश्त कर रही है ताकि माहौल शांत रहे।
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- सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक कदम
स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन ने इलाके के संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बल तैनात कर दिया है। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की मदद से इलाके की लगातार निगरानी की जा रही है। साथ ही, प्रशासन ने धारा 144 लागू करने पर विचार करना शुरू कर दिया है ताकि किसी भी तरह की भीड़ इकट्ठा न हो सके। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद मौके पर पहुंचकर हालात की समीक्षा कर रहे हैं और शांति बनाए रखने के लिए लगातार स्थानीय नेताओं से संवाद कर रहे हैं।
- स्थानीय माहौल और नागरिकों की प्रतिक्रिया
झड़प की खबर फैलते ही इलाके की अधिकांश दुकानें और बाजार बंद हो गए। रिहायशी इलाकों में लोग घरों के भीतर ही रहने को मजबूर हो गए और सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। आम नागरिकों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं शहर की शांति और भाईचारे को आघात पहुंचाती हैं। कई लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
- प्रशासन और पुलिस की अपील
जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक खबरों की निगरानी की जा रही है।
पुलिस ने स्पष्ट कहा है कि माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि हालात अब पूरी तरह नियंत्रण में हैं और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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