महाराष्ट्र सरकार ऐप-आधारित रिक्शा-टैक्सी और ई-बाइक सेवा शुरू करने जा रही है, जिससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा और निजी कंपनियों के एकाधिकार पर लगाम लगेगी।
मुंबई, 29 जुलाई — महाराष्ट्र सरकार अब ऐप-आधारित टैक्सी, रिक्शा और ई-बाइक सेवाएं खुद शुरू करने जा रही है। यह सेवा राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने, प्राइवेट ऑपरेटरों के एकाधिकार को खत्म करने और यात्रियों को सस्ती, पारदर्शी सेवाएं देने के उद्देश्य से लाई जा रही है।
परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने बताया कि ऐप सेवा पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा संचालित होगी और इसके लिए ‘जय महाराष्ट्र, महा-राइड, महा-यात्री और महा-गो’ जैसे नामों पर चर्चा हो रही है। अंतिम नाम पर निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार की मंजूरी से होगा।
परियोजना के लिए ‘महाराष्ट्र परिवहन प्रौद्योगिकी संस्थान’ और कुछ निजी कंपनियों के साथ बातचीत जारी है। इस योजना के तहत मराठी युवाओं को मुंबई बैंक के जरिए 10% ब्याज दर पर ऋण दिया जाएगा। वहीं, अन्नासाहेब आर्थिक विकास महामंडल, ओबीसी महामंडल और एमएसडीसी की सहायता से ब्याज को सब्सिडी में बदलकर ऋण को लगभग ब्याज-मुक्त बनाया जाएगा।
मंत्री सरनाईक ने कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐप नियम अंतिम चरण में हैं और 5 अगस्त को मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
✅ इस सेवा के प्रमुख लाभ होंगे:
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मराठी युवाओं को सीधे रोजगार
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सरकारी स्तर पर डिजिटल ट्रांसपोर्ट प्लेटफॉर्म
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यात्रियों के लिए सस्ती और पारदर्शी सेवा
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निजी टैक्सी ऐप्स के एकाधिकार पर लगाम
इस कदम से महाराष्ट्र राज्य में न केवल डिजिटल परिवहन ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह रोजगार सृजन और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बड़ा बदलाव लाएगा।
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