महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया उपयोग के नए कड़े नियम जारी किए हैं। आलोचना, गोपनीय दस्तावेज़ साझा करने और सरकारी प्रतीकों के दुरुपयोग पर प्रतिबंध के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
मुंबई, 29 जुलाई: महाराष्ट्र सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने सोमवार को राज्य के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर नए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नियमों का उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
🚫 क्या मना है?
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सरकार की नीतियों, योजनाओं या निर्णयों की आलोचना
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गोपनीय दस्तावेज़, योजनाएं या फाइलें सोशल मीडिया पर साझा करना
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सरकारी वर्दी, पद, वाहन या भवन की तस्वीरें निजी अकाउंट पर अपलोड करना
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सरकारी प्रतीकों का दुरुपयोग या आत्म-प्रचार करना
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आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण या घृणास्पद सामग्री पोस्ट करना
🔒 क्या है अनिवार्य?
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निजी और आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट अलग-अलग बनाए रखना
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सरकारी योजनाओं की जानकारी सिर्फ अधिकृत अधिकारी ही पूर्व अनुमति के बाद साझा करें
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स्थानांतरण की स्थिति में आधिकारिक अकाउंट उत्तराधिकारी को सौंपना
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केवल मान्य और स्वीकृत वेबसाइट/ऐप का उपयोग करना
यह नियम सभी स्थायी, संविदा, प्रतिनियुक्ति और निगम/बोर्ड/स्थानीय निकायों के कर्मचारियों पर लागू होंगे। सरकार का कहना है कि इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य सोशल मीडिया के माध्यम से सरकारी गरिमा और पारदर्शिता बनाए रखना है।
🗣️ सरकार की मंशा:
सरकार चाहती है कि सरकारी सेवक सोशल मीडिया का प्रयोग सावधानी और ज़िम्मेदारी से करें ताकि गोपनीयता, निष्पक्षता और सेवा की प्रतिष्ठा बनी रहे। इस गाइडलाइन को डिजिटल युग के अनुसार नैतिक आचार संहिता की तरह देखा जा रहा है।
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