नालासोपारा में ट्रांसफार्मर के भीषण विस्फोट से छह वर्षीय लड़की की मौत हो गई। वसई-विरार शहर में हजारों ट्रांसफार्मर सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं, जिससे नागरिकों की जान को खतरा बना हुआ है।
वसई-विरार शहर में महावितरण द्वारा नागरिकों को बिजली प्रदान करने के लिए लगभग 5,800 रोहित्र लगाए गए हैं। लेकिन इन ट्रांसफार्मर की नियमित सुरक्षा जांच न होने के कारण कई जगह ये धोकादायक स्थिति में हैं।
सोमवार को नालासोपारा पश्चिम के डांगेवाड़ी क्षेत्र में ट्रांसफार्मर का विस्फोट हुआ, जिसमें दो लोग झुलस गए और छह वर्षीय नसरीन परवीन शेख का इलाज के दौरान निधन हो गया। नागरिकों का आरोप है कि महावितरण को पहले से शिकायतें मिली थीं, लेकिन लापरवाही के कारण यह घटना हुई।
शहर के कई हिस्सों जैसे अंबाडी रोड, नालासोपारा और अन्य मुख्य मार्गों पर सुरक्षा जाल न होने से ट्रांसफार्मर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा है। कुछ ट्रांसफार्मर पर क्षमता से अधिक भार होने के कारण शॉर्ट सर्किट और आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं। इसके अलावा, खुले ट्रांसफार्मर के कारण पैदल यात्रियों के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है।
पूर्व में भी रोहित्र दुर्घटनाएं हो चुकी हैं:
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30 मई 2025: विरार पश्चिम, अर्नाळा धसपाडा – चार महावितरण कर्मियों को विद्युत धक्का, जयेश घरत (28) की मृत्यु।
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19 जून 2025: नायगाव पश्चिम, विजय पार्क – तूफानी हवा से ट्रांसफार्मर गिरा, बड़े नुकसान से बचाव।
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22 सितंबर 2025: नालासोपारा डांगेवाड़ी – ट्रांसफार्मर विस्फोट, नसरीन परवीन की मौत और जावेद अन्सारी घायल।
सामाजिक कार्यकर्ता जॉय फरगोस ने सभी धोकादायक ट्रांसफार्मर की तात्कालिक जांच और सुरक्षा बॉक्स लगाने की मांग की है। महावितरण के मुख्य अभियंता चंद्रमणी मिश्रा ने बताया कि संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।