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MSEDCL Accident : अर्नाळा में दर्दनाक हादसा, करंट लगने से MSEDCL कर्मचारी की मौत, 3 गंभीर रूप से घायल!

लापरवाही से गई जान? लगातार हादसों ने उठाए MSEDCL की कार्यप्रणाली पर सवाल, जाँच और जवाबदेही की मांग तेज

विरार, अर्नाळा — विरार पश्चिम के अर्नाळा धसपाड़ा इलाके में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) के चार कर्मचारियों को करंट लग गया। इस हादसे में जयेश घरात (28) नामक कर्मचारी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

घटना सुबह लगभग 9:15 बजे की है जब रोहित्र (ट्रांसफार्मर) की तकनीकी मरम्मत का काम चल रहा था। मरम्मत के दौरान अचानक विद्युत प्रवाह चालू हो गया, जिससे चारों कर्मचारी करंट की चपेट में आ गए। तीन कर्मचारी करंट लगते ही बाहर गिर पड़े, लेकिन जयेश घरात ट्रांसफार्मर से चिपक गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

पुलिस ने बताया कि हादसे की जानकारी मिलते ही अर्नाळा सागरी पुलिस घटनास्थल पर पहुँची और पंचनामा शुरू किया। जयेश घरात जांभूळपाडा (अर्नाळा नवापूर) के निवासी थे और टेनिस क्रिकेट में भी उन्होंने विशेष पहचान बनाई थी। इस हृदयविदारक घटना से अर्नाळा परिसर में शोक की लहर दौड़ गई है।

लगातार हो रही हैं दुर्घटनाएँ — क्या MSEDCL ले रही है सुरक्षा को हल्के में?

यह पहली घटना नहीं है जब बिजली कर्मचारियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा हो। अगस्त 2023 में वसई पूर्व के सातिवली इलाके में 22 वर्षीय अभिजित लकेश्री की भी विद्युत मरम्मत कार्य के दौरान करंट लगने से मृत्यु हो गई थी। वे भी महावितरण कंपनी में लाइनमैन के पद पर कार्यरत थे।

MSEDCL
MSEDCL

इस प्रकार की घटनाओं की बढ़ती संख्या ने बिजली वितरण प्रणाली में व्याप्त लापरवाही और सुरक्षा के अभाव को उजागर कर दिया है। सवाल यह उठता है कि क्या कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं?

ग्राहक संघटनाओं का आरोप — MSEDCL और शासन की घोर लापरवाही

वीज ग्राहक संघटना के अध्यक्ष जॉन परेरा ने आरोप लगाया है कि यह हादसा MSEDCL और शासन की लापरवाही का परिणाम है। उनका कहना है कि कर्मचारियों को पर्याप्त सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जाते और काम शुरू करने से पहले विद्युत प्रवाह बंद करने की उचित व्यवस्था नहीं होती।

परेरा ने मांग की है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, मृतक कर्मचारी के परिवार को पर्याप्त मुआवजा और सहायता दी जानी चाहिए।

घायलों का इलाज जारी

हादसे में घायल हुए तीन अन्य कर्मचारियों का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, सभी की स्थिति गंभीर लेकिन स्थिर है।

हादसों पर लगाम के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?

  • प्रत्येक कार्य से पहले विद्युत प्रवाह की पूर्ण जाँच और डिसकनेक्शन सुनिश्चित किया जाए।
  • सभी तकनीकी कर्मचारियों को मान्यता प्राप्त सुरक्षा उपकरण प्रदान किए जाएं।
  • प्रशिक्षण और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की नियमित ट्रेनिंग आयोजित हो।
  • MSEDCL पर सख्त निगरानी रखने हेतु स्वतंत्र पर्यवेक्षण समिति का गठन हो।

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निष्कर्ष:

जयेश घरात की असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु ने एक बार फिर से बिजली वितरण तंत्र की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। यदि समय रहते सुरक्षा मानकों का पालन किया गया होता, तो शायद यह जान बच सकती थी। अब समय है कि शासन और बिजली विभाग इस हादसे से सबक लेकर सुधारात्मक कदम उठाएं ताकि आगे ऐसी दुर्घटनाएँ ना हों।


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