गणेश चतुर्थी से पहले मुंबई-गोवा हाईवे पर विशाल गड्ढों की तस्वीरें सामने आई हैं, जिससे सड़क सुरक्षा, यात्रा और स्थानीय व्यापार पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
मुंबई,21अगस्त: भारी बारिश ने सड़कों की स्थिति को बेहद खराब कर दिया है। मुंबई-गोवा हाईवे के चिपलून स्थित वशिष्ठी ब्रिज पर विशाल गड्ढों की तस्वीरों ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। इन गड्ढों की वजह से सड़क चाँद की सतह जैसी दिखाई दे रही है, जिससे खासकर दोपहिया और छोटे वाहनों के लिए जानलेवा स्थिति बन गई है। कई ट्रक डिवाइडर के पास खड़े हैं, जिससे मार्ग और भी संकरा हो गया है।
मुंबई-गोवा हाईवे प्रोजेक्ट को शुरू हुए 14 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी यह पूरा नहीं हो सका है। वर्ष 2011 में शुरू हुए इस परियोजना की लागत ₹3,500 करोड़ से बढ़कर ₹7,300 करोड़ तक पहुंच गई है। 84 किलोमीटर का पनवेल से इंदापुर तक का हिस्सा NHAI द्वारा चौड़ा किया जा रहा है, जबकि बाकी हिस्सों का काम PWD के अधीन है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य यात्रा समय को घटाना और पर्यटन को बढ़ावा देना है, लेकिन बार-बार की देरी से नागरिकों में रोष है।
2021 में भी भारी बारिश के बाद राज्य सरकार ने सड़क मरम्मत के लिए ₹100 करोड़ का बजट जारी किया था, जिसमें ₹52 करोड़ केवल अस्थायी मरम्मत के लिए थे। फिर भी सड़क की हालत सुधरने के बजाय और बदतर होती गई। स्थानीय ग्रामीणों और व्यापारियों ने त्योहारी सीजन में व्यापार पर असर और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सरकार से त्वरित कार्यवाही की मांग की है।
इस मार्ग पर कई इलाकों में अधूरे फ्लाईओवर, असमान सतह और सेवा सड़कों की कमी के कारण दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। पाली, लांजा और चिपलून जैसे इलाकों में बायपास निर्माण अधूरा है, जिससे परियोजना की समयसीमा जून से बढ़ाकर अब दिसंबर 2025 कर दी गई है। गणेश चतुर्थी जैसे बड़े त्योहारों के दौरान यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए यह स्थिति और भी चिंताजनक बन गई है।
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