मुंबई, 13 जून 2025 – महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई समेत पूरे राज्य में पहाड़ियों पर बनी झोपड़पट्टियों के पुनर्वसन के लिए विशेष स्वतंत्र नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस नीति का मकसद झोपड़पट्टियों में रह रहे गरीब परिवारों को सुरक्षित और स्थायी आवास उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री ने एसआरए (स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी) के अधिकारियों और नगर नियोजन विभाग को स्पष्ट निर्देश दिया कि राज्य में पहाड़ी क्षेत्रों में बसे झोपड़वासी अब उपेक्षित नहीं रहेंगे। फडणवीस ने कहा कि इन निवासियों के लिए पारंपरिक पुनर्वसन नीतियां कारगर नहीं हो पा रही हैं, इसलिए अब एक अलग और व्यवहारिक नीति तैयार की जाएगी।
पुनर्वसन के लिए समयबद्ध योजना:
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दिसंबर 2025 तक सभी पहाड़ी झोपड़पट्टियों का सर्वेक्षण पूरा किया जाए और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डाटा अपलोड किया जाए। साथ ही पुनर्वसन योजनाओं की जानकारी झोपड़पट्टीवासियों को मोबाइल ऐप के जरिए भी उपलब्ध कराई जाएगी।
एसआरए ऐप लॉन्च और कार्रवाई का प्लान:
एसआरए ने झोपड़पट्टीवासियों को जानकारी देने और योजनाओं की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इसके ज़रिए पुनर्वसन प्रक्रिया, पात्रता, दस्तावेज़ों की जानकारी और आवास योजना की स्थिति ट्रैक की जा सकेगी।
अतिक्रमण पर सख्त चेतावनी:
फडणवीस ने कहा कि अवैध अतिक्रमण या नई झोपड़ियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 2023 के बाद बनी झोपड़ियों को पात्रता से बाहर किया जाएगा।
राज्य सरकार का उद्देश्य:
इस नई नीति का उद्देश्य न सिर्फ पहाड़ी झोपड़ियों के पुनर्वसन को सुनिश्चित करना है, बल्कि मुंबई और अन्य शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित आवास के माध्यम से झुग्गी मुक्त शहर की दिशा में कदम बढ़ाना भी है।
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