Mumbai Police Child trafficking Case : मुंबई पुलिस ने बच्चों की तस्करी करने वाले (Child trafficking) एक अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने सूचना के आधार पर विशाखापट्टनम से चार महिलाओं को गिरफ़्तार कर महिलाओं से पूछताछ शुरू कर दी है., ये महिलाएं फर्टिलिटी एजेंट और एग डोनर(प्रजनन के लिए अंडा दाताओं) के रूप में काम करती थीं. पुलिस का कहना है कि गिरोह के 14 लोगों को पकड़ा जा चुका है. इस गिरोह ने बच्चे बेचने की कीमत 80 हजार से 4 लाख तक रखा था. बच्चों की तस्करी करने वाला यह गिरोह देशभर के कई राज्यों में फैला हुआ था.
न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, मुंबई पुलिस के अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार की गईं महिलाएं फर्टिलिटी एजेंट और एग डोनर(प्रजनन उपचार में अंडा दाताओं) के रूप में काम कर रही थीं. आरोपी महिलाओं को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां अदालत ने उन्हें 8 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की तस्करी के मामले में मुंबई पुलिस ने अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके कब्जे से चार बच्चों को बचाया है.
रविवार को मुंबई पुलिस ने एक शिशु और एक बच्चे को बेचने में शामिल एक डॉक्टर और छह अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. इसी के साथ यहां बच्चा बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ. अब मुंबई पुलिस ने विशाखापत्तनम से चार महिलाओं को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है ये महिलाएं एग्स डोनेट करती थीं, जिसके लिए उन्हें पैसे दिए जाते थे.
बता दें कि पैसों के लिए गरीब परिवारों की महिलाएं, निसंतान दंपत्तियों के लिए एग डोनेट करती हैं. फर्टिलिटी क्लीनिक पर जाकर ये महिलाएं एग्स डोनेट करती हैं. इसके लिए उन्हें रुपये मिलते हैं.
पुलिस ने बताया कि बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह से जुड़े सदस्यों ने सितंबर 2022 से मुंबई के कम से कम 14 शिशुओं और बच्चों को हैदराबाद व आंध्र प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में लोगों को बेच दिया था. इन लोगों ने प्रति बच्चे 80,000 रुपये से 4 लाख रुपये के बीच वसूली की थी.
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