नालासोपारा, 2 जुलाई 2025: नालासोपारा पूर्व की ओम श्रीजी हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले 61 वर्षीय बिल्डर जयप्रकाश चौहान की आत्महत्या के मामले ने अब बड़ा और चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है। इस मामले में पुलिस ने दो पुलिसकर्मियों सहित एक दलाल को गिरफ्तार किया है, जिन्हें आज वसई कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 7 जुलाई 2025 तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
एफआईआर के अनुसार, मृतक की बेटी गौरी चौहान ने आरोप लगाया है कि जयप्रकाश चौहान को मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया गया था। उन्होंने मुंबई मीरा-भाईंदर वसई-विरार पुलिस बल में कार्यरत पुलिसकर्मी श्याम शिंदे, राजेश जगताप, और एक स्थानीय दलाल लाला के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें धमकी देना, हफ्ता वसूली, और आत्महत्या के लिए उकसाना शामिल है।
बताया जा रहा है कि 2025 की शुरुआत में जयप्रकाश चौहान ने अपने निर्माणाधीन बिल्डिंग प्रोजेक्ट में निवेश के लिए इन आरोपियों से ₹33 लाख का फाइनेंस लिया था। इसके बाद, आरोपियों ने प्रोजेक्ट पर कब्जे की मंशा से जयप्रकाश पर दबाव बनाना शुरू किया। श्याम शिंदे ने तो यहां तक धमकी दी कि –
“अगर तू इमारत नहीं छोड़ेगा तो तेरे ऊपर इतने सेक्शन लगाऊंगा कि तू जिंदगीभर सड़ेगा।”
तनाव इतना बढ़ गया कि जयप्रकाश चौहान ने मोबाइल स्विच ऑफ कर कुछ दिन चंद्रेश हिल्स इमारत में छुपकर रहना शुरू कर दिया, लेकिन 1 जुलाई को उन्होंने अपनी बेटी के घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने इस मामले में BNS की धाराएं 108, 351(2), 352, और 3(5) के तहत केस दर्ज किया है। जांच की ज़िम्मेदारी आचोले पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुजीत कुमार पवार संभाल रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो श्याम शिंदे और राजेश जगताप पर वसई-विरार की करीब 40% इमारतों में फाइनेंसर के रूप में निवेश करने और अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने का संदेह है। सवाल उठता है कि एक पुलिस कर्मचारी ने कई सौ करोड़ की संपत्ति और काले धन का जखीरा आखिर कैसे खड़ा किया?
स्थानीय नागरिकों और सोशल एक्टिविस्टों की मांग है कि इस पूरे मामले की ED और CBI से जांच करवाई जाए ताकि पीछे छिपे सिस्टम और माफिया गठजोड़ का पर्दाफाश हो सके।