नालासोपारा में तीन युवक गौवंश लेकर जा रहे थे, पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो एक ने पुलिसकर्मी को कुचलने का प्रयास किया। एक गिरफ्तार, दो की तलाश जारी।
नालासोपारा, 4 अगस्त : नालासोपारा में उस वक्त अफरातफरी मच गई जब तीन युवक एक स्कॉर्पियो में गौवंश भरकर ले जा रहे थे और स्थानीय युवक की सतर्कता से पुलिस को इसकी सूचना दी गई। सुबह लगभग 5 बजे मिली इस जानकारी के बाद उपनिरीक्षक हर्षल राउत ने तत्परता दिखाते हुए नालासोपारा पश्चिम के वाजामोहल्ला क्षेत्र में संदिग्ध वाहन को रोकने का प्रयास किया। लेकिन आरोपी वाहन चालक ने वाहन की गति तेज कर दी और पुलिसकर्मी को कुचलने की कोशिश करते हुए फरार हो गया। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया और लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।
- जांच तेज, एक आरोपी दबोचा गया, दो अभी भी फरार
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर ट्रेस कर तीनों आरोपियों की पहचान कर ली। इस्माइल इब्राहिम पठान (19) को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि आशीष तांडेल उर्फ आशू और तौफिक बंगाली फरार हैं। तीनों आरोपी नालासोपारा पश्चिम के रहने वाले हैं और इससे पहले भी गौवंश से जुड़े मामलों में लिप्त पाए गए हैं। पुलिस का कहना है कि इस्माइल से पूछताछ जारी है और फरार आरोपियों की तलाश में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की जा रही है।
- वाजामोहल्ला: जहां बार-बार दोहराई जाती है कहानी, सवाल पुलिस की भूमिका पर
वाजामोहल्ला, नालासोपारा (पूर्व) वह क्षेत्र बन गया है जहां इस प्रकार की घटनाएं आम होती जा रही हैं। कई बार हिन्दू संगठनों ने इन मामलों पर आपत्ति जताई और आवाज़ भी उठाई, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि पुलिस की मौजूदगी के बावजूद इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। उल्टा जब पुलिस कार्रवाई करती है, तो उन पर हमला किया जाता है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि इस क्षेत्र में मौजूद अवैध कसाईखाना अवैध रूप से पानी की आपूर्ति का लाभ ले रहे हैं। जब घरों में पानी की किल्लत होती है, तब सवाल उठता है कि कसाइयों को गौवंश को काटने जैसे कामों में कितना पानी दिया जा रहा है? इस गंभीर मुद्दे पर VVMC को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और जांच शुरू करनी चाहिए।
- सरकार से अपील: गायों की रक्षा के लिए सख्त कदम ज़रूरी
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने राज्य के मुख्यमंत्री से अपील की है कि गौवंश को इस तरह न मारा जाए औरअवैध कसाईखानों की नियमित जांच की जाए। गौवंश भारतीय संस्कृति का प्रतीक है और इसकी रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। लोगों का कहना है कि सरकार ने महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम, 1976 (1995 में संशोधित) गाय (गाय, बैल, सांड, बछिया, बछड़ा) का वध निषिद्ध है तो भी ऐसे मामले देखे जारहे है । पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर ऐसे रैकेट का जड़ से सफाया करना होगा ताकि भविष्य में कोई भी गौवंश के साथ इस तरह की क्रूरता न कर सके।
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