नासिक के चांदवाड़ में सड़क पार कर रहे 12 स्कूली बच्चे तेज़ रफ़्तार टेम्पो की चपेट में आ गए। चार की हालत नाज़ुक है। शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने अस्पताल पहुँचकर बच्चों का हाल जाना और परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिया। हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर चिंताएं गहरा दी हैं।
नासिक, 9 अगस्त: महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के चांदवाड़ तालुका में आज सुबह एक बेहद दर्दनाक और झकझोर देने वाला हादसा सामने आया। सोग्रास फाटा इलाके में स्कूल के लिए सड़क पार कर रहे 12 बच्चे तेज़ रफ्तार टेम्पो की चपेट में आ गए। यह हादसा न सिर्फ परिवारों के लिए सदमे का कारण बना, बल्कि पूरे समाज को सड़क सुरक्षा को लेकर फिर सोचने पर मजबूर कर गया।
🚑 तेज़ रफ्तार टेम्पो ने छीनी बच्चों की मुस्कान
पिंपलगांव बसवंत से चांदवाड़ की ओर आ रहे एक टाटा ऐस टेम्पो ने सड़क पार कर रहे स्कूली बच्चों को पीछे से टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टेम्पो काफी तेज गति में था और स्कूल ज़ोन में स्पीड लिमिट का पालन नहीं कर रहा था। टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि चार बच्चे टेम्पो के नीचे आकर बुरी तरह घायल हो गए।
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👨⚕️ स्थानीयों की तत्परता और अस्पताल में भर्ती
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने न सिर्फ बच्चों को उठाया, बल्कि निजी गाड़ियों से अस्पताल भी पहुँचाया। चार गंभीर बच्चों को नासिक के बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि अन्य घायलों का इलाज चांदवाड़ और पिंपलगांव के अस्पतालों में चल रहा है। डॉक्टरों की टीमें बच्चों की लगातार निगरानी कर रही हैं।
🧑⚖️ मंत्री दादा भुसे अस्पताल पहुंचे, न्याय का भरोसा दिलाया
घटना की जानकारी मिलते ही महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने तुरंत अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना। उन्होंने डॉक्टरों से बातचीत की और परिजनों को हर संभव सहायता का भरोसा दिया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक हादसा नहीं है, यह हमारे बच्चों के भविष्य के साथ किया गया खिलवाड़ है। प्रशासन को तुरंत इस पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी।”
📣 सिस्टम पर सवाल: स्कूल ज़ोन में कैसे दौड़ रहे हैं तेज़ वाहन?
यह हादसा एक बार फिर सवाल उठाता है, क्या हमारे स्कूल जोन सुरक्षित हैं? क्या वाहनों की रफ्तार पर नज़र रखने के लिए कहीं कैमरे हैं? क्या ट्रैफिक पुलिस पर्याप्त संख्या में तैनात है? अगर नहीं, तो बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?
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