पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो टोकरी में बच्ची के साथ एक चिट्ठी भी मिली, जिसमें लिखा था,
“हम बहुत गरीब हैं, बच्ची को पाल नहीं सकते। सॉरी।”
माना जा रहा है कि चिट्ठी बच्ची के माता-पिता द्वारा लिखी गई थी, जिन्होंने आर्थिक तंगी के कारण उसे छोड़ दिया।
पुलिस ने बच्ची को तुरंत एक बाल रोग विशेषज्ञ के पास इलाज के लिए भेजा, जहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची की हालत स्थिर है। फिलहाल बच्ची पूरी तरह सुरक्षित है।
पुलिस ने अज्ञात माता-पिता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 317 (नाबालिग बच्चे को परित्याग करना) सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश की जा रही है।
इस घटना ने स्थानीय लोगों की भावनाओं को झकझोर कर रख दिया है। कई नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई है। मामले की जानकारी बाल कल्याण समिति को दे दी गई है, जो अब बच्ची की देखभाल और पुनर्वास की जिम्मेदारी संभालेगी।
अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में बच्चे की सुरक्षा और भविष्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है।
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