मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) पर गुरूवार को नायगांव के चिंचोटी इलाके में भीषण यातायात जाम ने एक मासूम की जान ले ली। घटना में 16 महीने के बच्चे को एम्बुलेंस से मुंबई के बड़े अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन तकरीबन 5 घंटे एम्बुलेंस जाम में फंसी रही।
स्थिति बिगड़ने पर बच्चे को ससूनवघर के छोटे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जानकारी के अनुसार गैलेक्सी अस्पताल में उपचार के दौरान ही मुंबई रेफर किया गया था, पर यातायात अवरोध के कारण बच्चे का जीवन नहीं बच पाया.
रिपोर्ट के मुताबिक सुबह से ही NH-48 पर यातायात जाम चरम पर था। फाउंटेन होटल से वसई-नायगांव तक लगभग 20-25 किलोमीटर लंबी गाड़ियों की कतारें सड़क पर लगी रही। सिर्फ मुंबई से गुजरात और गुजरात से मुंबई—दोनों ओर— ट्रैफिक अवरुद्ध रहा। भारी वाहनों की एंट्री पुलिस ने रात 12 से 6 बजे तक सीमित की, लेकिन दिनभर छोटे वाहन भी जाम में फंसे रहे। ऐसे हालात में वैकल्पिक मार्ग और सार्वजनिक परिवहन अपनाने की पुलिस ने सलाह दी, मगर इमरजेंसी वाहन और नागरिक बुरी तरह परेशान रहे.
सड़क की यह स्थिति प्रशासनिक सतर्कता, यातायात प्रबंधन और NHAI तथा स्थानीय पुलिस की जवाबदेही पर गहरा सवाल उठा रही है। लाखों यात्रियों के लिए NH-48 सिर्फ एक हाईवे नहीं, बल्कि जीवनदायिनी सेवा है—जहां इमरजेंसी सेवाओं का जाम में फंसना किसी त्रासदी से कम नहीं।
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मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर भारी वाहनों की एंट्री पर पाबंदी, यातायात नियंत्रण के लिए नोटिफिकेशन जारी