विरार बिजली कटौती: विरार के नंदाखाल और वटार विभाग में लगातार बिजली कटौती से नागरिक परेशान हैं। महावितरण की लापरवाही से नाराज़ लोगों ने वसई पूर्व स्थित कार्यालय पर आक्रोश मोर्चा निकाला और बिजली आपूर्ति सुधार की मांग की।
वसई-विरार: विरार के नंदाखाल क्षेत्र सहित वटार विभाग के कई इलाकों में पिछले कुछ महीनों से लगातार बिजली कटौती ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। बार-बार होने वाली बिजली गुल और अस्थिर आपूर्ति से परेशान नागरिकों ने आखिरकार महावितरण (MSEDCL) के खिलाफ जोरदार आक्रोश व्यक्त किया और वसई पूर्व स्थित महावितरण कार्यालय पर ‘आक्रोश मोर्चा’ निकाला।
यह मोर्चा नंदाखाल संघर्ष समिति के नेतृत्व में शुक्रवार, 3 अक्टूबर को आयोजित किया गया था। समिति ने महावितरण के कार्यकारी अभियंता को एक लिखित निवेदन सौंपा, जिसमें क्षेत्र की बिजली आपूर्ति से जुड़ी गंभीर समस्याओं और सुधारात्मक मांगों को प्रमुखता से उठाया गया।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि वटार विभाग के अंतर्गत आने वाले सातपाडा, नवापुर, वटार, कोफराड, राजोड़ी और नंदाखाल जैसे क्षेत्रों में पिछले कुछ हफ्तों से रोजाना 2 से 3 दिन तक बिजली नहीं रहती। वहीं आसपास के इलाकों में आपूर्ति सामान्य रहती है, जिससे स्थानीयों में असंतोष और बढ़ गया है।
निवेदन में नागरिकों ने मांग की है कि बिजली आपूर्ति को तुरंत स्थिर किया जाए, नए चेंज ओवर स्विच लगाए जाएं, पुराने और जंग लगे ट्रांसफॉर्मर व बिजली के खंभों को बदला जाए, और क्षेत्र की बिजली व्यवस्था को भूमिगत (Underground) किया जाए। इसके अलावा वटार विभाग में पहले से मंजूर सबस्टेशन को जल्द से जल्द शुरू करने, बंच वायरिंग की जगह पारंपरिक पद्धति अपनाने और स्मार्ट मीटर की बजाय पुराने मीटर लगाने की अनुमति देने की भी मांग की गई।
आक्रोश मोर्चे में जॉन परेरा, विन्सेंट परेरा, पायस मचाडो, डॉमिनिक रुमाव और रॉजर रोड्रिक्स ने प्रतिनिधि के रूप में मांग पत्र सौंपा। वहीं इस मौके पर नंदाखाल चर्च के प्रमुख धर्मगुरु फादर डॉमिनिक डिआब्रीओ, स्कूल के प्राचार्य फादर प्रदीप डाबरे, फादर विजय लोगो और फादर ब्रायन टायस भी उपस्थित थे।
नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही बिजली की समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
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