मीट बैन को लेकर राज ठाकरे ने सरकार पर निशाना साधा। कहा, स्वतंत्रता दिवस पर लोगों की आज़ादी छीनने का क्या मतलब? सरकार तय न करे कौन क्या खाए।
मुंबई,14अगस्त: मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मीट बैन को लेकर आज मीडिया से बातचीत में सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सवाल उठाया, “क्यों मीट बंदी ले आए हो?” साथ ही कहा कि उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कह दिया है कि “जो मन में आए खाओ।” ठाकरे ने यह बयान ऐसे समय में दिया जब मुंबई और कुछ अन्य इलाकों में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मीट बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने की सूचना सामने आई है।
🏛️ स्वतंत्रता दिवस पर ‘स्वतंत्रता’ की बहस
राज ठाकरे ने यह भी कहा कि उन्हें बताया गया कि यह कानून 1988 से है, लेकिन उन्होंने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए पूछा, “स्वतंत्रता दिवस पर आप लोगों की स्वतंत्रता क्यों छीन रहे हो?” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि लोकतांत्रिक देश में कोई सरकार यह तय नहीं कर सकती कि लोग क्या खाएं और क्या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे प्रतिबंध जनभावनाओं के खिलाफ हैं।
⚖️ सरकार और महानगरपालिका को चेतावनी
राज ठाकरे ने साफ शब्दों में कहा कि “कौन क्या खाए ये न सरकार तय करे न महानगरपालिका।” उन्होंने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला बताते हुए कहा कि सरकार को धार्मिक या सामाजिक दबाव में आकर इस तरह के फैसले नहीं लेने चाहिए। उनके बयान से साफ है कि मनसे मीट बैन के विरोध में खुलकर सामने आ गई है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी गरमाने की संभावना है।
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