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संध्या पाठक की संदिग्ध मौत: साठ्ये कॉलेज की छात्रा थी, हाल ही में प्रेमकथा पर किताब की थी पब्लिश; परिवार बोला – आत्महत्या नहीं, साजिश है

मौत को आत्महत्या मानने से इनकार
मौत को आत्महत्या मानने से इनकार

मुंबई से नालासोपारा तक फैली शोक की लहर

मुंबई के विलेपार्ले स्थित साठ्ये महाविद्यालय में गुरुवार सुबह 21 वर्षीय छात्रा संध्या पाठक की तीसरी मंज़िल से गिरकर मौत हो गई। लेकिन अब यह मामला सिर्फ एक दुर्घटना या आत्महत्या नहीं रह गया है, क्योंकि संध्या के परिवार ने साफ कहा है — “संध्या आत्महत्या कर ही नहीं सकती, यह हत्या है।”

संध्या मूल रूप से नालासोपारा (आचोळे रोड) की रहने वाली थी और बीएससी स्टैटिस्टिक्स की छात्रा थी। वह न सिर्फ पढ़ाई में होशियार थी बल्कि उभरती हुई लेखिका भी थी। कुछ ही हफ्ते पहले उसकी पहली अंग्रेजी किताब The World’s Best Ex-Friend” अमेज़न पर पब्लिश हुई थी।


क्या हुआ उस सुबह?

गुरुवार सुबह करीब 7:15 बजे, संध्या कॉलेज पहुंची। थोड़ी ही देर में कॉलेज की तीसरी मंज़िल से गिरने की आवाज़ आई। जब तक लोग दौड़ते, संध्या खून से लथपथ पड़ी थी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

कॉलेज प्रशासन ने बताया कि संध्या की क्लास ग्राउंड फ्लोर पर थी, फिर वह तीसरी मंज़िल पर क्यों गई? यह अब भी रहस्य बना हुआ है।


परिवार का बड़ा आरोप: यह आत्महत्या नहीं, साजिश है

संध्या के मामा, मौसी और पिता ने एक सुर में कहा कि “अगर उसे आत्महत्या करनी होती, तो घर पर करती, ट्रेन के आगे कूदती, कॉलेज क्यों जाती?”
परिवार ने इस घटना को साज़िश बताया है और कहा कि CCTV में संध्या के ऊपर जाते हुए फुटेज हैं लेकिन गिरते हुए नहीं। यह कैसे संभव है?

संध्या की मौसी ने आरोप लगाया कि “कॉलेज प्रशासन ने हमसे कहा कि उन्होंने 10 हजार रुपये का खर्च किया, लेकिन जिस दिन इतनी बड़ी घटना हुई, उसी दिन कॉलेज फिर से चालू कर दिया गया। क्या ये असंवेदनशीलता नहीं है?”


नालासोपारा में किया गया अंतिम संस्कार

गुरुवार रात को संध्या का शव कूपर अस्पताल से पोस्टमॉर्टम के बाद नालासोपारा के आचोळे स्थित उनके घर लाया गया। रात में ही आचोळे श्मशानभूमि में अंतिम संस्कार हुआ, जहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। हर कोई स्तब्ध था कि इतनी हंसमुख, प्रतिभाशाली लड़की की ज़िंदगी अचानक कैसे खत्म हो गई।


कॉलेज का जवाब: हम जांच में सहयोग कर रहे हैं

साठ्ये महाविद्यालय के प्राचार्य माधव राजवाडे ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि “हम इस पूरे मामले में पुलिस को पूरा सहयोग दे रहे हैं।”
कॉलेज ने माना कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और कहा कि तुरंत ही छात्रा को अस्पताल ले जाया गया था।


    अब उठते हैं ये अहम सवाल:

  • अगर संध्या खुश थी और किताब छपी थी, तो क्या आत्महत्या संभव है?

  • CCTV में संध्या का ऊपर जाना दिखा, पर गिरते हुए फुटेज क्यों नहीं?

  • क्या कॉलेज ने सतर्कता बरती?

  • क्या किसी दबाव या धमकी का शिकार हुई संध्या?

संध्या पाठक की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं — ये आत्महत्या थी या सोची-समझी साजिश?
एक होनहार छात्रा, जो लेखिका बनने जा रही थी, जिसने प्रेम और दोस्ती पर किताब लिखी थी — क्या वह जिंदगी से हार सकती है?

अब पूरा परिवार और समाज एक ही मांग कर रहा है — “इस केस की निष्पक्ष और गहन जांच होनी चाहिए, ताकि संध्या को इंसाफ मिल सके।”

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