वसई: वसई विरार शहर स्थित नायगांव के एक स्कूल के कैंटीन में काम करने वाले 16 वर्षीय नाबालिग लड़के द्वारा 7 वर्षीय बच्ची के साथ 4 से 5 बार यौन शोषण (Sexual Abuse) का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस गंभीर मामले में नायगांव पुलिस ने आरोपी को पोक्सो (POCSO) एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक पीड़ित बच्ची इस स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ती है। बीते 22 अगस्त को उसने स्कूल के कैंटीन में जाने से इनकार कर दिया और अपनी शिक्षिका को बताया कि “कैंटीन में काम करने वाला अंकल उसे परेशान करता है।”
शिक्षिका ने तुरंत यह जानकारी प्रधानाध्यापक को दी। प्रधानाध्यापक द्वारा की गई पूछताछ में बच्ची ने पिछले 15 दिनों में कैंटीन में काम करने वाले युवक द्वारा किए गए यौन शोषण का खुलासा किया। इससे पहले भी बच्ची ने इस बारे में अपने घर पर जानकारी दी थी, लेकिन परिवार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
प्रधानाध्यापक ने इस घटना की जानकारी नायगांव पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रमेश भामे ने बताया कि पुलिस ने स्कूल के सीसीटीवी फुटेज को जांच के लिए कब्जे में ले लिया है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या अन्य बच्चियों के साथ भी ऐसा कुछ हुआ है।
बढ़ते यौन शोषण के मामले: चिंताजनक स्थिति
यह घटना देश में बढ़ते यौन शोषण के मामलों की भयावह स्थिति को उजागर करती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बच्चों के खिलाफ अपराधों के 1.49 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 53,874 मामले पोक्सो एक्ट के तहत थे। इनमें से एक बड़ी संख्या यौन शोषण से संबंधित थी।
महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में भी लगातार वृद्धि हो रही है। NCRB के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में भारत में बलात्कार के 31,677 मामले दर्ज किए गए। ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि देश में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बन गया है।
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सुरक्षा और सतर्कता की आवश्यकता
प्रधानाध्यापक मेल्विन सिक्वेरा ने कहा, “हमारे स्कूल में बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। यहां 65 से 70 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इस घटना से हम दुखी हैं, और हमने स्वयं पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है।”
इस दुर्भाग्यपूर्ण मामले में स्कूल के प्रधानाध्यापक ने घटना पर अफ़सोस प्रकट करते हुए मामले को पुलिस तक पहुंचाने का साहसिक निर्णय लिया जिससे आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ पाया और पीड़ित परिवार के संग न्याय होना संभव हो पायेगा।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए समाज में और अधिक सतर्कता और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
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