उद्धव ठाकरे द्वारा शुरू की गई शिवभोजन थाली योजना पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दुरुपयोग की शिकायतें और सब्सिडी की देरी के चलते कई केंद्र बंद होने की कगार पर हैं।
महाराष्ट्र, 30 जुलाई: राज्य में गरीबों और श्रमिकों को केवल ₹10 में पौष्टिक भोजन देने के उद्देश्य से शुरू की गई शिवभोजन थाली योजना पर अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं। यह योजना 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा शुरू की गई थी और इसे गरीबों के बीच काफी लोकप्रियता मिली थी। लेकिन अब इसे राजनीतिक व प्रशासनिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने हाल ही में बयान दिया कि अगर केंद्रों पर बार-बार दुरुपयोग की शिकायतें आती रहीं तो सरकार को मजबूरन उन्हें बंद करना पड़ सकता है।
योजना संचालकों ने सरकार पर सब्सिडी समय पर नहीं देने, दरें बढ़ाने में देरी, और नौकरशाही अड़चनों का आरोप लगाया है। इससे कई केंद्रों का संचालन असंभव हो गया है।
हालांकि, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने हाल ही में इस योजना के लिए ₹20 करोड़ की राहत राशि मंजूर की है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि आगामी 2–3 महीनों में और सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
अब यह देखना अहम होगा कि यह योजना—जो महाराष्ट्र के हजारों लोगों के लिए जीवनरेखा बन चुकी है—आर्थिक और प्रशासनिक संकट से उबर पाती है या नहीं।