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राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन विपक्षी दलों ने सूरत डायमंड बोर्स का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि हीरा उद्योग मुंबई से गुजरात शिफ्ट हो रहा है। विपक्ष के आरोप का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि सूरत में छत्रपति शिवाजी महाराज के समय से ही हीरे का कारोबार है। मुंबई में भारत डायमंड बोर्स की शुरुआत 2013 में ही चुकी है और अब सूरत में सूरत डायमंड बोर्स का उद्घाटन किया गया है। दोनों डायमंड बोर्स के काम करने के तरीके में अंतर है। सूरत में उत्पादन होता है और हमारे पास उत्पादन और निर्यात होता है। भले ही सूरत में एक नया एक्सचेंज शुरू किया गया है, लेकिन हमारी तरफ से एक भी उद्योग वहां स्थानांतरित नहीं हुआ है।
फड़णवीस ने कहा कि हमारे यहां हीरा उद्योग बढ़ रहा है। हम अकेले मुंबई से 38 अरब डॉलर मूल्य के जेम्स एंड ज्वेलरी निर्यात करते हैं। जो देश के कुल निर्यात का 75 फीसदी है। इसमें सूरत की हिस्सेदारी 12 फीसदी है। जबकि जयपुर की हिस्सेदारी 3.12 फीसदी है। सरकार के प्रयासों से मुंबई से हीरा निर्यात सूरत से कई गुना बढ़कर 97 फीसदी हो गया है। जबकि सूरत का निर्यात फिलहाल घटकर 2.57 फीसदी पर आ गया है।
जेम्स एंड ज्वेलरी के लिए मुंबई शहर में एक आधुनिक पार्क बनाया जा रहा है। इसके लिए नवी मुंबई के महापे इंडस्ट्रियल इस्टेट में 30 एकड़ जमीन दी जायेगी। इस दौरान यूएई और भारत सरकार के बीच एक समझौता हुआ। इसके मुताबिक मुंबई में एक बड़ा प्रोडक्शन प्लांट लगाया जाएगा।
मालाबार गोल्ड मुंबई में हीरा उद्योग में 1700 करोड़ का निवेश कर रही है और तुर्की डायमंड, तनिष्क भी निवेश करने जा रहा है। मालाबार गोल्ड कंपनी अपना मुख्यालय मुंबई में बना रही है। इसका मुख्य लाभ महाराष्ट्र और मुंबई को होगा। टर्किश डायमंड बोर्स ने भी मुंबई आने की पुष्टि की है। हमारे प्रधानमंत्री ने 2030 तक हीरा व्यापार को 75 मिलियन डॉलर तक ले जाने की घोषणा की है।