धनवाडे ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा कि “शिवाय” नाम भगवान महादेव और शिवशंकर से जुड़ा है, जिसे ऐसे व्यवसाय के लिए इस्तेमाल करना न सिर्फ अनुचित है, बल्कि अस्वीकार्य भी है। उन्होंने 4 जून 2019 को राज्य सरकार द्वारा जारी उस शासन निर्णय का भी हवाला दिया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी शराब या मांस बेचने वाला व्यवसाय देवी-देवताओं, संतों, राष्ट्रनायकों या ऐतिहासिक किलों के नाम का उपयोग नहीं कर सकता।
मनसे नेता ने चेतावनी दी कि यदि कुछ दिनों के भीतर नाम नहीं बदला गया तो पार्टी अपने “मनसे स्टाइल” में विरोध करेगी। उन्होंने कहा, “आज हमने लोकतांत्रिक रूप से चेतावनी दी है, लेकिन यदि इसका पालन नहीं हुआ तो हम उग्र आंदोलन करेंगे। हम अपने देवी-देवताओं का अपमान सहन नहीं करेंगे।” फिलहाल बार प्रबंधन ने मांग पर विचार करने की बात कही है, लेकिन नाम बदलने को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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