तिलक नगर स्थित पंचशील नगर झोपड़पट्टी पुनर्विकास योजना में ₹80 करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध शाखा ने आशापुरा ग्रुप के निदेशकों पर एफआईआर दर्ज की है।
मुंबई,3 अगस्त: मुंबई के तिलक नगर स्थित पंचशील नगर झोपड़पट्टी पुनर्विकास योजना (SRA) में लगभग ₹80 करोड़ का बड़ा आर्थिक घोटाला सामने आया है। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की यूनिट 14 ने इस मामले में आशापुरा ग्रुप के कई निदेशकों और साझेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
🚨 कौन हैं आरोपी?
एफआईआर में जिन लोगों के नाम दर्ज हैं, उनमें शामिल हैं:
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चेतन भंसाली
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प्रवीण चमाड़िया
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माया हिकमत उद्दन
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मीना भंसाली
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धनजी पटेल
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लक्ष्मीबेन पटेल
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बेचर पटेल
इन पर आरोप है कि पुनर्विकास के लिए आवंटित फंड को धोखाधड़ी और निजी हित के लिए उपयोग में लाया गया। जांच की निगरानी PI योगेश भद्रे कर रहे हैं।
📌 शिकायतकर्ता कौन हैं?
यह मामला चैतन्य जतिन मेहता की शिकायत पर दर्ज हुआ, जो एक 31 वर्षीय रियल एस्टेट कारोबारी हैं और अरिहंत रिएल्टर्स के साझेदार हैं। उनके माता-पिता जतिन और पल्लवी मेहता भी इस व्यवसाय से जुड़े हैं।
उन्होंने बताया कि 24 अगस्त 2008 को पंचशील नगर (सीटीएस नं. 1831/29 पर स्थित) की झोपड़पट्टियों के पुनर्विकास के लिए प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। लेकिन आगे चलकर आशापुरा ग्रुप के साझेदारों ने फंड का दुरुपयोग किया।
🧾 घोटाले की प्रकृति:
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फंड का गबन
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अनियमित बैंक ट्रांसफर
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झूठे कागज़ात और ट्रांजैक्शन
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झोपड़ीधारकों को अधिकार न देना
✅ आगे क्या?
EOW की ओर से विस्तृत वित्तीय जांच की जा रही है और कुछ संपत्तियों की फॉरेंसिक ऑडिट भी करवाई जा सकती है। यह मामला मुंबई के झुग्गी पुनर्विकास नीति पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।