वसई: नालासोपारा पूर्व क्षेत्र में अव्यवस्थित यातायात और अवैध रिक्शा स्टैंड्स (Traffic chaos in Nalasopara) के कारण स्थानीय नागरिकों को हो रही समस्याओं पर वसई-विरार शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने गंभीर चिंता जताई है।
इस संदर्भ में कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामदास वाघमारे ने मीरा भायंदर वसई विरार आयुक्तालय ट्रैफिक जोन दो के नवागत पुलिस निरीक्षक प्रशांत लांगी को एक औपचारिक पत्र सौंपा है, जिसमें उन्होंने इस मुद्दे के समाधान के लिए तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
अवैध रिक्षा स्टैंड्स के कारण हो रही समस्या:
वसई विरार शहर के व्यस्ततम जगहों में स्टेशन परिसर का नाम सबसे पहले आता है जहां लोगों का भारी पैमाने पर आवागमन होता है, ऐसे में स्टेशन परिसर में अवैध फेरीवाले और अवैध रिक्शा चालक, मैजिक चालक और अवैध तरीके से बसों का संचालन कराया जा रहा है, जिससे आम राहगीरों को भारी पैमाने पर समस्याओं का सामना करते हुए देखा जा सकता है।
जिलाध्यक्ष द्वारा लिखे गए पत्र में बताया गया है कि नालासोपारा पूर्व में संतोष भवन, बिलालपाड़ा, और धानीव बाग जैसे स्थानों पर रिक्शा चालकों द्वारा अनियंत्रित और अवैध रूप से रिक्शा स्टैंड बनाए गए हैं। इन रिक्शा स्टैंड्स के कारण स्थानीय सड़कों पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सड़कों पर बेतरतीब खड़े रिक्शा और यातायात बाधित होने से नागरिकों को पैदल चलने और वाहनों को चलाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
पत्र के अनुसार, यह स्थिति केवल आम नागरिकों के लिए असुविधा का कारण नहीं बन रही है, बल्कि आपातकालीन सेवाओं जैसे एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड के संचालन में भी बाधा डाल रही है। इसके साथ ही, इलाके के दुकानदारों और व्यापारियों को भी ग्राहकों के आवागमन में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
एम्बुलेंस ने बदला रास्ता तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी जाम में अटकी
शहर के डॉक्टरों और अस्पताल संचालकों का कहना है कि ब्रिज के नीचे के ट्रैफिक जैम में फंसकर घंटों समय बर्बाद करने से बचने के लिए वो अक्सर वैकल्पिक रास्तों की तलाश करते हैं तो उधर बीते हफ्ते नालासोपारा के शिरडी क्षेत्र में एक घर में विफट से लगी आग बुझाने के लिए निकली मनपा फायर ब्रिगेड की गाडी ही इस ट्रैफिक जाम का शिकार हो गई जिससे वो पैदल ही घटनास्थल तक पहुँचने को मजबूर हो गए थे.
नालासोपारा पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाला एकमात्र ब्रिज जिसके नीचे हमेशा दंगल जैसा दृश्य होता है, एक तरफ वैध रिक्शों की कतारें तो दूसरी ओर अवैध रिस्खों का जमघट , फुटपाथ पर बैठे फेरीवाले और रिक्शे से सवारी उतरते चढ़ाते अवैध रिक्शे ट्रैफिक जाम की परिस्थियों को और भी दयनीय स्थिति में ला देते है . ऐसे में वहाँ खड़े ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी, कर्मचारी असहाय नजर आते हैं.
रिक्षा चालकों की मनमानी:
पत्र में आरोप लगाया गया है कि ज्यादातर अवैध रिक्शा चालक मनमाने तरीके से मुख्य सड़कों पर अपने वाहन खड़ा कर देते हैं, जिससे जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। यहां तक कि लाइसेंस प्राप्त और मान्यता प्राप्त रिक्शा चालक भी कभी-कभी यातायात नियमों की अवहेलना करते नज़र आते हैं.
स्थानीय जनता की नाराज़गी:
यह समस्या न केवल ट्रैफिक जाम की वजह बन रही है, बल्कि स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश भी पैदा कर रही है। इन समस्याओं को देखते हुए कांग्रेस ने पुलिस प्रशासन से अपील की है कि वह यातायात प्रबंधन में सुधार के लिए कदम उठाए और अवैध रिक्शा स्टैंड्स को हटाए।
कांग्रेस की सख्त मांग:
जिलाध्यक्ष वाघमारे ने अपने पत्र में पुलिस से अनुरोध किया है कि अवैध रिक्शा संचालन और स्टैंड्स के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि सदस्यता प्रमाण पत्र और रिक्षा लाइसेंस की जांच की जाए और जिन रिक्शा चालकों के पास वैध दस्तावेज नहीं हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
सात दिनों की समय सीमा:
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि सात दिनों के भीतर इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो कांग्रेस पार्टी स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर आंदोलन शुरू करेगी। इस आंदोलन में जनसामान्य का समर्थन जुटाने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
इस मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा उठाए गए कदमों के बाद अब स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग पर दबाव बढ़ गया है। स्थानीय लोग भी प्रशासन से अपेक्षा कर रहे हैं कि यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए जल्द कदम उठाए जाएंगे।
नालासोपारा में अव्यवस्थित यातायात की समस्या गंभीर बनती जा रही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस का पत्र न केवल प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि स्थानीय जनता की भावनाओं को भी व्यक्त करता है। MBVV ट्रैफिक जोन दो के नवागत ट्रैफिक पुलिस अधिकारी प्रशांत लांगी के लिए यह समस्या सुलझाना किसी चुनौती से कम नहीं।