त्र्यंबकेश्वर, नासिक: कुंभ मेले की तैयारियों के बीच त्र्यंबकेश्वर में तीन पत्रकारों पर हुए हमले की घटना ने पत्रकार सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शनिवार को स्थानीय गुंडों ने ज़ी 24 तास के योगेश खरे, पुढारी न्यूज़ के किरण ताजने और साम टीवी के अभिजीत सोनावणे पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। वे सभी साधुओं की बैठक की कवरेज कर रहे थे और अवैध वाहन प्रवेश शुल्क का भुगतान करने से मना कर रहे थे।
घायल पत्रकारों में से एक को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि दो अन्य का उपचार सरकारी अस्पताल में चल रहा है। पुलिस ने घटनास्थल का दौरा कर मामले की जांच शुरू कर दी है। खबरों के अनुसार, हमलावर नगर परिषद द्वारा नियुक्त ठेकेदार के सहयोगी बताए जा रहे हैं, जो इलाके में वाहन चालकों से जबरन वसूली करते थे।
मीडिया संगठनों ने इस हमले की कड़ी आलोचना करते हुए राज्य सरकार से लंबित पत्रकार सुरक्षा अधिनियम को लागू करने की मांग की है। वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को लंबे समय से टालती आ रही है, जिसके कारण पत्रकारों को उचित सुरक्षा नहीं मिल पा रही है।
राकांपा के नेता और राज्य मंत्री छगन भुजबल ने हमले की निंदा की और घायल पत्रकारों से अस्पताल में मुलाकात कर उनकी हालत जानी। उन्होंने पुलिस को दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आदेश भी दिया है। इस घटना ने न केवल पत्रकारों की सुरक्षा पर चिंता बढ़ाई है, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर भी सवाल खड़े किए हैं।
यह हमला राज्य में कानून व्यवस्था की कमजोरियों और पत्रकारों की सुरक्षा के प्रति तटस्थ रवैये को उजागर करता है। ऐसी घटनाओं के खिलाफ कड़े कदम उठाने की तत्काल जरूरत है ताकि स्वतंत्र पत्रकारिता सुरक्षित और संरक्षित रह सके।
राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर को हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। भुजबल ने एक निजी अस्पताल में एक पत्रकार से मुलाकात की। त्र्यंबकेश्वर के एक पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, और मामला दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है।