दिल्ली दौरे पर पहुंचे उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे के साथ मिलकर स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की बात कही। बयान से बीएमसी चुनावों में संभावित ठाकरे बंधु गठबंधन की अटकलें तेज़ हो गईं।
मुंबई,7 अगस्त: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के दिल्ली दौरे के दौरान दिया गया बयान महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई करवट लाने वाला हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट कहा: “राज और मैं मिलकर निर्णय लेने में सक्षम हैं। जब ज़रूरत पड़े तो हम दोनों मिलकर कार्रवाई कर सकते हैं, किसी और की ज़रूरत नहीं है।”
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ठाकरे बंधु फिर साथ?
इस बयान को केवल एक व्यक्तिगत भावना के रूप में नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। वर्ष 2006 में शिवसेना से अलग होकर राज ठाकरे ने MNS की स्थापना की थी और तब से दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक दूरी बनी रही।
लेकिन अब उद्धव का यह सार्वजनिक बयान दिखाता है कि पारिवारिक और वैचारिक मतभेद कम हो सकते हैं, और शायद राजनीतिक एकता का रास्ता खुल रहा है।
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बीएमसी चुनाव 2025 में बदल सकता है समीकरण
अगर उद्धव और राज ठाकरे गठबंधन करते हैं तो यह आने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। दोनों पार्टियों का मराठी वोट बैंक पर प्रभाव है और संयुक्त रूप से लड़ने पर वर्तमान गठबंधनों को चुनौती मिल सकती है।
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उद्धव का INDIA गठबंधन पर बयान
उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि “INDIA गठबंधन में कोई जबरदस्ती नहीं है।”
इस बयान को भी राजनीतिक स्वतंत्रता की दिशा में देखा जा रहा है, जो आने वाले चुनावों में नई रणनीति और सहयोग को जन्म दे सकता है।
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मोदी सरकार पर तंज
दिल्ली दौरे के दौरान उद्धव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की आलोचना करते हुए कहा: “डोनाल्ड ट्रंप आपका मज़ाक उड़ा रहे हैं।”
यह बयान साफ़ इशारा करता है कि उद्धव ठाकरे आने वाले समय में आक्रामक राजनीतिक मुद्रा में रहेंगे।
राजनीतिक विश्लेषण
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क्या यह महज़ बयान है या ऐतिहासिक गठबंधन की शुरुआत?
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क्या राज ठाकरे इसे स्वीकार करेंगे?
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क्या यह केवल BMC तक सीमित रहेगा या राज्य स्तर पर भी असर दिखेगा?
इन सभी सवालों का जवाब आने वाले दिनों में सामने आएगा।