मुंबई, 4 जुलाई 2025: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा और ऐतिहासिक दृश्य उस वक्त देखने को मिला जब शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे एक ही मंच पर एकजुट होकर नजर आए। यह संयुक्त रैली मुंबई के वर्ली डोम में “आवाज़ मराठीचा” नाम से आयोजित की गई थी, जहां दोनों नेताओं ने एक बार फिर मराठी अस्मिता को केंद्र में रखते हुए भाषाई असंतुलन और सरकार की नीतियों पर निशाना साधा।
“हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं” – उद्धव ठाकरे
रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा,
“हम दोनों एक साथ रहने के लिए एक साथ आए हैं। यह मंच हमारे भाषणों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।”
उद्धव ने अपने भाई राज ठाकरे की वक्तृत्व कला की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इतना शानदार भाषण दिया है कि उन्हें कुछ और कहने की जरूरत ही नहीं।
महाराष्ट्र की रीढ़ तोड़ने का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि मुंबई के महत्वपूर्ण व्यवसाय और प्रतिष्ठान गुजरात शिफ्ट किए जा रहे हैं, जो महाराष्ट्र की रीढ़ तोड़ने का प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि बीएमसी में शिवसेना के शासन पर सवाल उठाने से पहले बीजेपी को यह बताना चाहिए कि 11 सालों में उन्होंने महाराष्ट्र के लिए क्या किया।
“जो बालासाहेब नहीं कर पाए, वो फडणवीस ने कर दिखाया” – राज ठाकरे
राज ठाकरे ने सभा में व्यंग्यपूर्वक कहा कि,
“जो बालासाहेब नहीं कर पाए, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया – हम दोनों भाइयों को एक साथ लाकर।”
उन्होंने मराठी भाषा को लेकर केंद्र सरकार द्वारा हिंदी थोपे जाने के सरकारी प्रस्तावों को रद्द करवाने को जीत बताते हुए कहा कि उनका महाराष्ट्र किसी भी राजनीतिक लड़ाई से बड़ा है।
मराठी अस्मिता का संग्राम
रैली में दोनों दलों ने मराठी भाषा और मराठी मानुष के सम्मान की रक्षा को लेकर एकता दिखाई। उन्होंने साफ किया कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा के सम्मान से समझौता नहीं किया जाएगा और किसी भी प्रकार की भाषाई असहिष्णुता का विरोध किया जाएगा।