वसई (पालघर), 3 जुलाई 2025: वसई तालुका के मालोंडे, गास और जुचंद्र सहित अन्य तटीय क्षेत्रों में शासकीय खारभूमि (खाजण जमीन) पर फैले मैंग्रोव (तिवर) जंगलों की अवैध कटाई और अतिक्रमण को लेकर आज महाराष्ट्र विधानसभा में लक्षवेधी सूचना के माध्यम से गंभीर सवाल उठाया गया।
विधानसभा में प्रस्तुत जानकारी के अनुसार:
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मालोंडे, गास और जुचंद्र गांवों में सैकड़ों एकड़ तटीय मैंग्रोव जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है। ये कब्जे मैंग्रोव पेड़ों की कटाई के बाद किए जा रहे हैं।
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वसई के सुरुची बाग परिसर (सर्वे क्र. 69) में सरकारी खाजण भूमि पर मैंग्रोव पेड़ों को नष्ट करने के लिए पानी में ज़हर मिलाया गया, और यह पूरा घटनाक्रम अप्रैल 2025 में पंचनामे द्वारा दर्ज किया गया है।
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यह विनाशकारी प्रक्रिया वर्ष 2012 से चल रही है, लेकिन शासकीय रिकॉर्ड में प्रभावित क्षेत्रों का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं होने से अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई है। इसका परिणाम यह है कि समुद्री जैवविविधता और तटीय पर्यावरण पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
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वन विभाग, पुलिस, वसई-विरार नगर निगम, और खारभूमि विभाग को बार-बार शिकायत देने के बावजूद इन विभागों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, और अवैध अतिक्रमण पर नजरअंदाज किया गया।
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सवाल यह भी उठाया गया कि क्या सरकार ने इस पर कार्रवाई के लिए कोई संरक्षण समिति बनाई है और क्या दोषी भूमाफियाओं व लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है?