वसई | संवाददाता: वसई में छठी कक्षा की छात्रा काजल गौड़ की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर उच्च न्यायालय में तत्काल और निष्पक्ष जांच की मांग उठी है। महिला वकील स्वप्ना कोडे ने बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस मामले में स्वतः संज्ञान (Suo Motu) लेने, स्कूल की भूमिका की जांच कराने तथा विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आग्रह किया है।
100 उठक-बैठक की सज़ा के बाद बिगड़ी थी हालत
8 नवंबर को काजल गौड़ और कुछ अन्य छात्राओं को कथित रूप से स्कूल देर से आने पर पीठ पर बैग रखकर 100 उठक-बैठक करने की सज़ा दी गई थी। घर पहुंचने के बाद काजल को पीठ में तेज दर्द होने लगा, जिसके बाद परिवार ने उसे वसई के एक अस्पताल में भर्ती कराया। तबीयत लगातार खराब होने पर उसे आगे जे.जे. अस्पताल, मुंबई रेफर किया गया, जहां 14 नवंबर को उसकी मौत हो गई।
वकील का आरोप—स्कूल प्रशासन को जानकारी थी, पर कार्रवाई नहीं
वकील स्वप्ना कोडे ने अपने पत्र में लिखा है कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, स्कूल प्रशासन को काजल की बीमारी की जानकारी थी, लेकिन न तो स्कूल ने जिम्मेदारी ली और न ही किसी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल बिना उचित मान्यता के चल रहा था, जिसकी जांच आवश्यक है।
पुलिस जांच जारी, पर FIR दर्ज न होने पर सवाल
स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक:
-
कोई FIR दर्ज नहीं हुई
-
न ही आरोपी शिक्षिका या प्रबंधन पर कार्रवाई हुई है
इसी आधार पर वकील ने उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की है।
SIT गठन और स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग
वकील ने मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया है कि:
-
राज्य सरकार और राज्य पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया जाए
-
काजल की मौत की तेजी और निष्पक्ष जांच के लिए SIT गठित की जाए
-
स्कूल प्रबंधन और संबंधित शिक्षिका पर कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया जाए
उन्होंने कहा कि यह मामला एक छात्रा की मौत से जुड़ा है और इसे केवल नियमित पुलिस जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता।
परिवार न्याय की मांग कर रहा
काजल के परिवार ने कहा है कि वह अपनी बेटी की मौत का सही कारण जानना चाहते हैं और दोषियों को सख्त सज़ा मिले।
मुंबई: 252 करोड़ ड्रग केस में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर ओरी को ANC का समन, 20 नवंबर को होगी पूछताछ