वसई की विधायक स्नेहा दुबे पंडित ने गणेशोत्सव पर कोकण जाने वाले चाकरमान्याओं के लिए 20 नि:शुल्क एस.टी. बसें रवाना कीं। पहल से प्रवासियों में संतोष और खुशी की लहर।
वसई,24अगस्त: गणेशोत्सव महाराष्ट्र का सबसे बड़ा और भावनाओं से जुड़ा हुआ उत्सव माना जाता है। हर साल लाखों लोग अपने पैतृक गांव, खासकर कोकण, लौटते हैं। इसी पारंपरिक भावना को समझते हुए वसई की विधायक स्नेहा दुबे पंडित ने एक अनोखी पहल की और वसई से कोकण जाने के लिए 20 नि:शुल्क एस.टी. बसों की सुविधा उपलब्ध कराई। इस सेवा की शुरुआत रविवार, 24 अगस्त को बड़े उत्साह के साथ की गई।
- विधायक के हाथों हुआ शुभारंभ
वसई से रवाना की गई इन बसों का उद्घाटन स्वयं विधायक स्नेहा दुबे पंडित ने अपने हाथों किया। बसें रवाना करते समय प्रवासियों और कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। बस अड्डे पर ढोल-ताशों की गूंज और “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। विधायक ने इस मौके पर कहा कि “कोकण जाने वाले चाकरमान्याओं की सुखद यात्रा हमारी जिम्मेदारी है, और इस पहल से उनके चेहरे पर मुस्कान देखना ही सबसे बड़ी सफलता है।”
- बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नागरिक शामिल
इस अवसर पर भाजपा वसई-विरार शहर जिला महासचिव बिजेंद्र कुमार, जिला सचिव नंदकुमार महाजन, वसई रोड मंडल अध्यक्ष महेश सरवणकर समेत कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। शिवसेना के जितेंद्र शिंदे भी कार्यक्रम में शामिल हुए। बसों में यात्रा करने आए प्रवासी परिवारों ने विधायक का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह सेवा उनके लिए बेहद सहूलियत भरी साबित होगी।
- प्रवासियों में संतोष और खुशी
नि:शुल्क बस सेवा की इस पहल से कोकण जाने वाले प्रवासियों के चेहरे खिल उठे। कई यात्रियों ने बताया कि त्योहार पर यात्रा की परेशानी और किराए का बोझ अक्सर भारी हो जाता है, लेकिन इस बार यह पहल उनके लिए किसी तोहफ़े से कम नहीं है। बसें रवाना होने के समय का नज़ारा ऐसा था जैसे पूरा वसई परिवार अपने प्रियजनों को गांव विदा कर रहा हो।
- संवेदनशील जनप्रतिनिधित्व का उदाहरण
इस पहल ने एक बार फिर यह साबित किया कि विधायक स्नेहा दुबे पंडित अपने मतदारसंघ के नागरिकों के सुख-दुख से गहराई से जुड़ी हैं। जनता से आत्मीय रिश्ता और समय-समय पर उठाए गए संवेदनशील कदम उन्हें एक अलग पहचान दिलाते हैं। गणेशोत्सव से पहले उठाया गया यह कदम न केवल यात्रा को आसान बनाने वाला है, बल्कि जनता और जनप्रतिनिधि के बीच विश्वास को और मजबूत करने वाला भी है।
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