Vasai-Virar News: वसई के तटीय गांवों को समुद्र की लहरों से बचाने के लिए प्रस्तावित तटबंध परियोजना दो साल से रुकी पड़ी है। निवासियों ने तेजी से काम शुरू करने की मांग की है।
वसई ,3 जुलाई : वसई के तटीय क्षेत्रों जैसे भुईगांव, रनगांव, पांचूबंदर, लंगेबंदर और नवापुर में समुद्र की लहरों और कटाव से बचाव के लिए 30 करोड़ रुपये की लागत से धुआं प्रतिरोधी तटबंध बनाए जाने की योजना बनाई गई है। यह योजना कोंकण आपदा न्यूनीकरण परियोजना के तहत स्वीकृत हुई थी और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) को जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन दो साल बीत जाने के बावजूद, केंद्रीय पर्यावरण मंजूरी (CRZ) और डिज़ाइन स्वीकृति के अभाव में काम ठप पड़ा है।
बरसात के मौसम में समुद्र का पानी गांवों की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे तटीय घर, खेती और सुखाई गई मछलियों को नुकसान हो रहा है। इस वर्ष मानसून में तेज हवाओं और लहरों ने हजारों पेड़ उखाड़ दिए, जिससे पर्यावरण और सुरक्षा को गहरा नुकसान हुआ है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता मैकेंजी डाबरे और आम आदमी पार्टी के जॉन परेरा ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वह सिर्फ फाइलें घुमा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
तटीय गांवों के निवासी अब भय में जी रहे हैं और बार-बार प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि तटबंध निर्माण तुरंत शुरू किया जाए। वसई की विधायक स्नेहा दुबे पंडित ने भी यह मामला विधानसभा में उठाया और 22 महीने से अटके काम को लेकर नाराज़गी जताई। एमएसआरडीसी के अधिकारी सारंग इनामदार ने बताया कि वी.पी. इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को ठेका दे दिया गया है और जैसे ही केंद्रीय अनुमति मिलेगी, काम शुरू कर दिया जाएगा।