Vasai-Virar News: वसई-विरार में सार्वजनिक शौचालयों की बदहाल स्थिति से महिलाएँ खुले में शौच को मजबूर हैं। 316 शौचालयों की मरम्मत के लिए नगर पालिका ने ₹12.22 करोड़ मंजूर किए। स्वच्छ भारत अभियान के दावों की जमीनी हकीकत उजागर हुई।
वसई-विरार, 31 जुलाई:
वसई-विरार नगर पालिका द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए सैकड़ों सार्वजनिक शौचालय अब बदहाली का शिकार हैं। शहर में मौजूद 316 से अधिक शौचालय गंदगी, टूटी हुई दीवारों, और पानी-बिजली की सुविधा के अभाव में जर्जर हालत में पहुँच चुके हैं। हालत इतनी खराब है कि महिलाओं को रात के समय खुले में शौच जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
📣 जनता और नेताओं की कई शिकायतें अनसुनी
स्थानीय नागरिकों और शिवसेना (उद्धव गुट) के नेताओं ने कई बार नगर पालिका से शिकायत की, लेकिन रखरखाव को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। नागरिकों का आरोप है कि स्वच्छ भारत अभियान केवल प्रचार की योजना बनकर रह गया है, जबकि जमीनी सच्चाई बेहद गंभीर है।
🛠️ अब हरकत में आई नगरपालिका
लगातार हो रही शिकायतों के बाद अब नगर पालिका हरकत में आ गई है। स्वच्छता विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि 316 शौचालयों को तुरंत मरम्मत की ज़रूरत है। इसके लिए पालिका ने ₹12.22 करोड़ का बजट मंजूर किया है।
🏗️ ज़रूरत पड़ी तो नए शौचालय भी बनाए जाएंगे
नगरपालिका की उपायुक्त अर्चना दिवे के अनुसार, “जिन शौचालयों की हालत बेहद खराब है, उन्हें मरम्मत के साथ-साथ ज़रूरत पड़ने पर नई इमारतों के रूप में फिर से बनाया जाएगा। हमारा लक्ष्य है कि नागरिकों को साफ़-सुथरे और सुरक्षित शौचालय उपलब्ध कराए जाएँ।”
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