आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर 11वीं ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया की गड़बड़ियों को लेकर तीखा हमला बोला। कहा, दो लाख छात्र अब भी वंचित हैं और सरकार जिम्मेदारी से भाग रही है। त्वरित समाधान की मांग की।
महाराष्ट्र,24अगस्त: महाराष्ट्र में 11वीं कक्षा की ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया लगातार अव्यवस्था और गड़बड़ियों से जूझ रही है। इसी मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उनका कहना है कि राज्य सरकार की लापरवाही और उदासीनता के चलते हजारों छात्रों का शैक्षणिक भविष्य अधर में लटक गया है। ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार इस गंभीर समस्या को हल करने की बजाय चुप्पी साधे बैठी है।
- दो लाख से ज्यादा छात्र अब भी बिना प्रवेश
आदित्य ठाकरे ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि अगस्त का महीना खत्म होने को है, लेकिन अब तक करीब दो लाख छात्रों को 11वीं में प्रवेश नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि बार-बार वेबसाइट क्रैश होना, तकनीकी त्रुटियाँ और प्रशासन की गैर-ज़िम्मेदारी ही इस देरी के लिए जिम्मेदार हैं। कई छात्र और अभिभावक लगातार हेल्पलाइन और स्कूलों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं मिल पा रहा।
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- “सरकार जिम्मेदारी से भाग रही है”
ठाकरे ने यह भी कहा कि छात्रों के लिए स्थिर और पारदर्शी प्रवेश प्रणाली उपलब्ध कराना सरकार की बुनियादी जिम्मेदारी है। लेकिन राज्य सरकार इस जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रही है। उन्होंने तीखे शब्दों में कहा, “यह सरकार छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल रही है। उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि लाखों परिवार अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर किस तनाव में जी रहे हैं।”
- त्वरित समाधान की मांग
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने सरकार से मांग की है कि तुरंत तकनीकी खामियों को दूर किया जाए और छात्रों को शीघ्र प्रवेश दिलाने की ठोस व्यवस्था की जाए। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए तो छात्रों के शैक्षणिक वर्ष पर इसका गंभीर असर पड़ेगा। ठाकरे ने कहा कि शिक्षा किसी भी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, और छात्रों का भविष्य किसी भी हालत में राजनीति या प्रशासनिक लापरवाही की भेंट नहीं चढ़ना चाहिए।
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