🏙️ मुंबई नगरपालिकाः बाढ़ (BMC on Mumbai Rains 2025) से निपटने के लिए 10 मोबाइल पंप से पुख्ता तैयारी
मुंबई, 10 जून 2025 — मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने इस मानसून सीज़न में शहर के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए एक अहम कदम उठाया है — 10 वाहन-आधारित मोबाइल पंप पर तैनाती। इन मोबाइल पंपों का उद्देश्य तत्काल जल निकासी सुनिश्चित करना और बाढ़ से प्रभावित इलाकों में पानी जमी होने से बचाव करना है।
इस साल मानसून से पहले ही BMC चालू हो गया बाढ़ का ख्याल रखने में। हालिया ऑर्डर आया है – 10 धांसू मोबाइल पंप रोड पर तैनात रहेंगे, ताकि बारिश में पानी जमा ही ना हो। हर गाडी में दो-2 पंप लगेंगे, जो 250 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा पानी पंप करेंगे। कुल 20 पंप, समझ तो गए होंगे ?
⚙️ योजना की खास बातें
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प्रत्येक वाहन पर 2 पंप लगाए गए हैं, जिनकी क्षमता 250 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा है।
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कुल 10 वाहन, यानी 20 पंप, मुंबई के प्रमुख सतह-निकासी प्वाइंट्स पर तैनात होंगे।
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यह पहल इस वर्ष पहली बार की गई है — ताकि पारंपरिक पंपिंग सेट के खराब होने पर भी जल निकासी बाधित न हो।
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📍 कहाँ तैनात होंगे?
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जो भी क्षेत्रीय उपायुक्त ऑफिस है, वहाँ एक-एक गाड़ी (कुल 7)
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और बच बच के 3 और गाड़ियां – जो ‘उप मुख्य अभियंता’ बैठे हैं – उनके ऑफिस में होगी।
तो कुल मिलाकर 10 गाड़ियाँ, पंम्प का राजा!
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इस वर्ष कुल 514 स्थाई पंपिंग सेट्स लगाए जाएंगे, लेकिन इन्हीं में से रिपेयरिंग या आउटेज की स्थिति में काम आएंगे वाहन-आधारित मोबाइल पंप।
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मोबाइल पंप की तैनाती इस प्रकार हैः
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प्रत्येक क्षेत्रीय उपायुक्त कार्यालय हेतु 1 वाहन (कुल 7 वाहन)
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वर्षा जल निकासी विभाग में: उप मुख्य अभियंता (संचालन), उप मुख्य अभियंता (पूर्वी उपनगर) और उप मुख्य अभियंता (पश्चिमी उपनगर) के कार्यालयों में 3 वाहन।
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🌧️ बदलते मौसम और बढ़े खतरे
बीते वर्षों में मुंबई के कई इलाकों में 250–300 मिमी तक भारी वर्षा दर्ज की गई है। इस बार भी मई में मानसून की शुरुआत रिकॉर्ड बारिश के साथ हुई, जिससे जलभराव की समस्या अधिक तीव्र हो सकती है। भौगोलिक रूप से तटीय मुंबई के लिए वर्षा जल निकासी एक चुनौती बनी हुई है — इसलिए मोबाइल पंप का यह विकल्प जल निकासी को तेज़ और प्रभावी बनाएगा।
🌧 क्यों ज़रूरी है?
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मुंबई के निचले इलाके जैसे धारावी, नेरुल, माटुंगा – बारिश में पानी जमा होने पर ऑब्जेक्ट-कट ट्रेन फस जाते, स्कूल बस – सबका टाइम बर्बाद होते, और गलियों में पानी ही पानी!
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अब अगर बड़े पंप बिगड़ जाएँ या रुक जाएँ – तो तुरंत ये मोबाइल पंप चालू हो कर पानी बहा देंगे।
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वैसे मुंबई में पिछले साल भी 250–300 मिमी बारिश देखी गई थी, और इस बार मोबाइल पंप बनाके महापालिका दिखा रही सेंस ऑफ़ इमरजेंसी।
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तत्काल आपात उपाय: अगर स्थाई पंप खराब हुआ — तो यह मोबाइल पंप तुरंत deploy होकर राहत लाएगा।
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निचले इलाकों के लिए खास महत्व: जलभराव वाले ज़ोन जैसे धारावी, सिकंदराबाद, माटुंगा, नेरुल आदि में पंपिंग में देरी से स्थानीय नागरिकों को गंभीर परेशानी हो सकती है।
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ड्रेनज संरचना की मजबूती: एक प्रकार का बैकअप तैयार किया गया है, जो वर्षा जल निकासी विभाग को आपात स्थितियों में कार्यशील बनाए रखेगा।
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ये लो तैयार प्लान:
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514 स्थाई पंपिंग सेट्स पूरे शहर में, लेकिन टूटने पर काम आए ये मोबाइल पंप।
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2025–28 तक इनको रेंट पे चलाएंगे। मतलब अभी से लेकर तीन साल तक खर्चा BMC का।
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रॉड-मोनिटरिंग: एक वाहन टीम के साथ रहेगा, चार्जी स्टेट मशीन की तरह काम करेगा।
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किराए पर लीज़: ये वाहन 2025–28 तक BMC द्वारा किराए के रूप में उपयोग किए जाएंगे।
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तेज समस्या समाधान: पंप्स का संचालन क्षेत्रीय उपायुक्त कार्यालयों और विभागीय प्रमुखों के निगरानी में रहेगा।
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नागरिकों को बचाने के लिए: मकान, सड़कों और संस्थानों को जल जमाव से सुरक्षित रखने की साझा जिम्मेदारी।
मुंबई महानगरपालिका की यह योजना स्थानीय नागरिकों के लिए एक राहत भरी पहल है। अपने हिस्से की तैयारी से यह सुनिश्चित किया गया है कि बारिश और बाढ़ की तीव्रता के समय में भी पानी जवाबदेह तरीके से बाहर निकले, जिससे मुंबईवासी सुरक्षित और सुचारु जीवनमान रख सकें।
कुल मिला के:
Metro City Samachar Mumbai कहता है – BMC का ये क़दम एकदम स्मार्ट है! अब बारिश में #PaperBoat नहीं, पर MobilePump से लोग खुश हो सकते हैं 😊। पानी बह जाएगा, इंसान चलते रहेंगे, ट्रेनों को रूकावट नहीं बस! अरे वाह महापालिका!
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