गणपति बाप्पा के स्वागत के लिए मुंबई, ठाणे और पालघर से कोकण लौट रहे लोगों ने एसटी बसों को प्राथमिकता दी। अब तक 5103 अतिरिक्त बसों की बुकिंग पूरी हो चुकी है।
महाराष्ट्र,22अगस्त: गणेशोत्सव की शुरुआत से पहले मुंबई, ठाणे, वसई-विरार और पालघर से हजारों की संख्या में कोकणवासी अपने गांव लौट रहे हैं। इस परंपरा को देखते हुए महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल (एसटी) ने 23 अगस्त से 7 सितंबर तक 5200 विशेष बसें चलाने की योजना बनाई है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने जानकारी दी कि इनमें से 5103 बसों की बुकिंग पहले ही पूरी हो चुकी है, जिनमें 4479 बसें समूह आरक्षण के तहत शामिल हैं।
- बुकिंग में उछाल, रियायतें भी आकर्षण का केंद्र
एसटी द्वारा दी जा रही रियायतें भी यात्रियों को आकर्षित कर रही हैं। ‘अमृत ज्येष्ठ नागरिकों’ को 100% टिकट छूट दी जा रही है, वहीं वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को 50% की रियायत मिल रही है। यह बसें मुंबई, ठाणे और पालघर के मुख्य डिपो से कोकण के रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, चिपलूण, देवगड, कणकवली, मालवण जैसे इलाकों के लिए चलाई जा रही हैं। बाप्पा के दर्शन और गांव की मिट्टी से जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए, एसटी एक बार फिर भावनात्मक रूप से यात्रियों की पहली पसंद बनी है।
- “एसटी और कोकणवासियों का है अटूट रिश्ता”
मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा, “गणपती बाप्पा, मुंबई के कोकणवासियों और एसटी के बीच एक गहरा भावनात्मक रिश्ता है। हर साल की तरह इस बार भी एसटी ही वह साधन है, जो कोकणवासियों को उनके गांव, वाडी और दूर-दराज के क्षेत्रों तक सुरक्षित और समय पर पहुंचाने का काम कर रही है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि एसटी केवल एक परिवहन सेवा नहीं, बल्कि कोकण की संस्कृति और भावनाओं से जुड़ी एक जीवनरेखा है।
- बेहतर यात्रा अनुभव के लिए विशेष व्यवस्थाएं
इस गणेशोत्सव के दौरान यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा होता है। इसलिए एसटी ने सभी प्रमुख बस स्टैंडों पर वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में कर्मचारियों की विशेष टीम तैनात की है। कोकण के मार्गों पर दुर्घटनाओं से बचाव और सहायता के लिए मोबाइल वाहन मरम्मत दल तैनात किए गए हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए प्रमुख ठहराव स्थानों पर अस्थायी शौचालयों की व्यवस्था भी की गई है। मंत्री सरनाईक ने सभी यात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “सभी गणेश भक्तों की यात्रा सुखद और मंगलमयी हो, यही हमारी कामना है।”
एसटी की यह विशेष सेवा न सिर्फ कोकणवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रही है, बल्कि उनके पर्व के उत्साह और परंपरा को भी सहज रही है। गणेशोत्सव के दौरान एसटी एक बार फिर मुंबई और कोकण के बीच भावनात्मक पुल बन गई है।
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