Ganeshutsav Vasai-Virar News: वसई-विरार मनपा ने मूर्तिकारों और गणेश मंडलों के साथ बैठक कर इस वर्ष गणेशोत्सव को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए शडू मिट्टी की मूर्तियों, कृत्रिम विसर्जन तालाबों और पीओपी पर नियंत्रण जैसे कदमों पर सहमति बनाई है। मनपा ने नागरिकों से अपील की है कि वे जागरूकता दिखाएं और प्रकृति-सम्मत उत्सव मनाएं।
गणेशोत्सव को पर्यावरण अनुकूल बनाने हेतु वसई-विरार मनपा ने मूर्तिकारों और मंडलों के साथ बैठक की। शडू मिट्टी की मूर्तियों व कृत्रिम तालाबों को प्राथमिकता देने और पीओपी मूर्तियों पर नियंत्रण का संकल्प लिया गया।
वसई-विरार: आगामी गणेशोत्सव को पर्यावरणपूरक बनाने के उद्देश्य से वसई-विरार महानगरपालिका ने शहर के मूर्तिकारों, गणेश मंडलों और संबंधित अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। बैठक में उत्सव के दौरान पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए।
•प्रमुख निर्णय:
– शडू मिट्टी की मूर्तियों को बढ़ावा: मूर्तिकारों से आग्रह किया गया कि वे शडू (नेचुरल क्ले) मिट्टी से बनी मूर्तियों को प्राथमिकता दें, ताकि विसर्जन के दौरान जल प्रदूषण कम हो।
– कृत्रिम तालाबों की व्यवस्था: हर वार्ड में कृत्रिम विसर्जन तालाब बनाए जाएंगे, जिससे प्राकृतिक जलस्रोतों में प्रदूषण रोका जा सके।
– पीओपी मूर्तियों पर नियंत्रण: प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) से बनी मूर्तियों के निर्माण और बिक्री पर निगरानी रखी जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
– ऑनलाइन अनुमति प्रक्रिया: मंडलों के लिए गणेशोत्सव की अनुमति लेने हेतु एक ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे पारदर्शिता और समय की बचत होगी।
• मनपा का संदेश
मनपा अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पर्यावरण की रक्षा हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। इसलिए मंडलों और मूर्तिकारों से अपील की गई कि वे पारंपरिक भावनाओं को बनाए रखते हुए पर्यावरण का ध्यान रखें।
• स्थानीयों का सहयोग अपेक्षित
इस पहल का उद्देश्य है कि श्रद्धा और पर्यावरण का संतुलन बना रहे। मनपा ने नागरिकों से अपील की है कि वे शडू मिट्टी की मूर्तियों को अपनाएं और कृत्रिम तालाबों का उपयोग कर स्वच्छ और टिकाऊ गणेशोत्सव मनाएं।
इस बैठक से यह संकेत मिला कि वसई-विरार क्षेत्र में इस वर्ष का गणेशोत्सव न सिर्फ आस्था से परिपूर्ण होगा, बल्कि प्रकृति के प्रति जागरूकता का भी प्रतीक बनेगा।