विधायक गोपीचंद पडलकर के ईसाई समुदाय के खिलाफ कथित आपत्तिजनक बयान पर विवाद गहराया। मुंबई पुलिस ने शिकायत सांगली को भेजी, अल्पसंख्यक आयोग ने भी मामले में हस्तक्षेप किया।
मुंबई,8अगस्त: मुंबई के अग्रीपाड़ा पुलिस स्टेशन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक गोपीचंद पडलकर के खिलाफ दर्ज एक गंभीर शिकायत को संगली सिटी पुलिस स्टेशन को जांच के लिए भेज दिया है। यह मामला एक कथित ईसाई विरोधी भाषण से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि पडलकर ने एक जनसभा के दौरान ऐसा भड़काऊ बयान दिया जो सामाजिक सौहार्द के लिए खतरनाक हो सकता है।
शिकायतकर्ता सिरिल डारा, जो एक चर्च कार्यकर्ता हैं, ने 19 जुलाई को पुलिस को शिकायत दी थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि 17 जून को सांगली में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए विधायक ने यह कथित बयान दिया कि जो व्यक्ति ईसाई धर्म प्रचार में लगे किसी मिशनरी की हत्या करेगा, उसे ₹11 लाख का इनाम दिया जाएगा। इस बयान से ईसाई समुदाय में नाराज़गी फैल गई और इसे धार्मिक नफरत फैलाने वाला बताया गया।
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📌 क्या है मामला?
यह विवाद उस समय उभरा जब सांगली जिले में एक 28 वर्षीय गर्भवती महिला की आत्महत्या की खबर सामने आई। आरोप है कि मृतका पर उसके ससुरालवाले दहेज और धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे थे। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए गोपीचंद पडलकर ने कथित रूप से यह विवादास्पद बयान दिया। सिरिल डारा ने अपनी शिकायत में इस बयान को हिंसा को बढ़ावा देने वाला और अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा फैलाने वाला करार दिया।
पुलिस अधिकारियों ने बयान में स्पष्ट किया कि चूंकि विवादित भाषण सांगली में हुआ था, इसलिए प्राथमिक जांच और कानूनी कार्रवाई वहीं की पुलिस करेगी। अग्रीपाड़ा पुलिस ने सभी दस्तावेज, शिकायत और प्रतिक्रिया को सांगली पुलिस को जांच के लिए भेज दिया है।
- सरकारी संस्थाओं की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई:
इस पूरे मामले पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (National Commission for Minorities) ने भी संज्ञान लिया है। आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव से इस मामले की गहराई से जांच कराने और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है। आयोग ने इस बयान को अल्पसंख्यकों के लिए गंभीर खतरा बताया है।
वहीं अब सभी निगाहें सांगली पुलिस की जांच पर टिकी हैं, जहां इस पूरे प्रकरण की विधिक और तकनीकी जांच की जाएगी। यदि पडळकर का बयान आपराधिक श्रेणी में पाया गया, तो उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत कार्रवाई संभव है।
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