मुंबई, 25 मार्च: महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने राज्य में पंजीकृत सभी व्यावसायिक वाहनों पर मराठी भाषा में सामाजिक संदेश लिखने को अनिवार्य (Marathi language mandatory On Vehicles) करने के निर्देश दिए हैं। यह नियम गुढीपाड़वा से प्रभावी होगा, ताकि मराठी भाषा का अधिक प्रचार और प्रसार हो सके।
मंत्री सरनाईक ने कहा कि मराठी महाराष्ट्र की आधिकारिक भाषा है और इसे संरक्षित व बढ़ावा देना सरकार की जिम्मेदारी है। वर्तमान में, राज्य में चलने वाले कई व्यावसायिक वाहनों पर सामाजिक संदेश, विज्ञापन और जागरूकता संबंधी जानकारी हिंदी या अन्य भाषाओं में लिखी जाती है, जिससे मराठी भाषा के प्रचार में बाधा आती है। उदाहरण के लिए, “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की जगह अब “मुलगी वाचवा, मुलगी शिकवा” लिखा जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा मिला है, और इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है। परिवहन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि गुढीपाड़वा से इस नियम को सख्ती से लागू किया जाए।
इस निर्णय से महाराष्ट्र के नागरिकों को मराठी में अधिक जानकारी मिलेगी और मराठी भाषा का सम्मान बढ़ेगा।
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