पालघर की आदिवासी छात्रा कृष्णा गिम्भल ने NEET 2025 में 417 अंक हासिल कर संघर्ष और सफलता की मिसाल पेश की।
पालघर, जून 2025: पालघर जिले के जवाहर तालुका के छोटे से गांव डभलों की रहने वाली कृष्णा गिम्भल ने सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद NEET 2025 परीक्षा में 720 में से 417 अंक हासिल कर मिसाल कायम की है। एक साधारण किसान परिवार से आने वाली कृष्णा की यह सफलता पूरे आदिवासी समाज के लिए प्रेरणा बनी है।
• परिवार और पृष्ठभूमि
कृष्णा के पिता छोटे किसान हैं और मां गृहिणी। उनके परिवार में दो भाई और एक बहन भी हैं। डभलों गांव सुविधाओं से वंचित है – टूटी सड़कों, कमज़ोर शिक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी जैसी कई चुनौतियों के बीच कृष्णा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी।
• डॉक्टर बनने का सपना
शुरू में कृष्णा के मन में डॉक्टर, टीचर या पुलिस अधिकारी बनने का विचार था। लेकिन एक दिन सरकारी स्वास्थ्य शिविर में उन्होंने देखा कि पूरे क्षेत्र में केवल दो MBBS डॉक्टर हैं और मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों तक जाना पड़ता है। इसी अनुभव ने उन्हें डॉक्टर बनने की प्रेरणा दी।
• पढ़ाई और संघर्ष
कृष्णा ने विनवाल सरकारी आश्रम स्कूल से 12वीं पास की। 2024 में उन्होंने पहली बार NEET की परीक्षा दी लेकिन संतोषजनक अंक नहीं मिले। उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से तैयारी की। इस दौरान उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ा।
• मदद और मार्गदर्शन
कृष्णा की स्थिति को देखते हुए स्कूल की तत्कालीन प्रोजेक्ट अधिकारी नेहा भोसले ने पुणे की संस्था ‘Lift for Upliftment’ से संपर्क किया। संस्था ने कृष्णा को पढ़ाई का खर्च, कोचिंग और मार्गदर्शन दिया, जिससे उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिली।
कृष्णा ने कठिनाइयों के बावजूद NEET में शानदार प्रदर्शन किया और अब वह MBBS कर अपने क्षेत्र के लोगों की सेवा करना चाहती हैं। उनकी यह सफलता न सिर्फ उनके परिवार के लिए, बल्कि हजारों ग्रामीण और आदिवासी छात्रों के लिए प्रेरणादायक है।