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तिरुपति बालाजी थीम और स्वर्ण मुकुट
इस बार लालबागचा राजा का दरबार तिरुपति बालाजी की थीम पर सजाया गया है। मंडल ने विशेष रूप से स्वर्ण राज मुकुट और स्वर्ण गजानन महल तैयार कराया है, जो पूरे वातावरण को दिव्य और शाही आभा प्रदान कर रहा है। लालबागचा राजा की वात्सल्य मूर्ति स्वर्ण आभूषणों से सुसज्जित है। स्वर्ण पदचिह्नों से लेकर मुकुट तक, हर एक आभूषण में गजब की नक्काशी और कलाकारी देखने को मिल रही है। इस भव्य सजावट ने श्रद्धालुओं और दर्शकों का मन मोह लिया है।
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पहली बार 50 फुट ऊंचा दरबार
लालबागचा राजा के दरबार की भव्यता हर साल बढ़ती जाती है, लेकिन इस बार इतिहास रचा गया है। पहली बार दरबार की ऊंचाई 50 फुट तक बढ़ाई गई है, जिससे पूरा मंडप और अधिक आकर्षक व अद्वितीय प्रतीत हो रहा है। इस भव्य दरबार के सामने भक्तों को दिव्यता और भक्ति का अद्भुत अनुभव हो रहा है।
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लेज़र लाइट्स ने बढ़ाई शोभा
फोटो सेशन के इस पहले दर्शन को और भी खास बनाया है लेज़र लाइट्स ने। विशेष प्रकाश व्यवस्था के कारण लालबागचा राजा का दरबार पहले से कहीं अधिक मनमोहक और विलोभनीय दिखाई दे रहा है। रात के समय रोशनी में स्वर्ण महल और स्वर्ण अलंकारों की चमक देखते ही बनती है।
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श्रद्धालुओं में उत्साह
लालबागचा राजा के पहले दर्शन के साथ ही मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की धूम शुरू हो गई है। भक्तों में खासा उत्साह और श्रद्धा देखने को मिल रही है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों की संख्या में भक्त लालबागचा राजा के दर्शन के लिए आने वाले हैं।
लालबागचा राजा केवल एक मूर्ति नहीं, बल्कि भक्तों की आस्था, विश्वास और भक्ति का प्रतीक है। गणेशोत्सव की शुरुआत इस भव्य पहले दर्शन के साथ हुई है, जिसने न सिर्फ मंडल बल्कि पूरे महाराष्ट्र को एक नए उल्लास और श्रद्धा से भर दिया है।