ब्लड वेस्टेज रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक ब्लड डोनेशन कैंप में अधिकतम 500 यूनिट रक्त संग्रह की सीमा तय की है। अब हर कैंप के लिए ऑनलाइन पूर्व-अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
मुंबई,11 जुलाई: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में ब्लड डोनेशन कैंप्स में रक्त संग्रह की अधिकतम सीमा 500 यूनिट प्रति कैंप तय कर दी है। यह फैसला हाल ही में हुई राज्य रक्त संक्रमण परिषद (SBTC) की समीक्षा बैठक में लिया गया। यह कदम जरूरत से ज़्यादा रक्त संग्रह, गलत इस्तेमाल और खपत से पहले ब्लड के खराब होने से बचने के लिए उठाया गया है।
ऑनलाइन पूर्व-अनुमति लेना अनिवार्य
अब से ब्लड डोनेशन कैंप के लिए ज़िले के ब्लड ट्रांसफ्यूजन ऑफिसर से ऑनलाइन पूर्व-अनुमति लेना अनिवार्य होगा। यदि तीन दिनों में अनुमति न मिले, तो इसे स्वीकृत माना जाएगा। साथ ही, रक्तदाताओं को महंगे उपहार देने जैसे प्रलोभनों पर भी रोक लगा दी गई है, क्योंकि यह ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1945 का उल्लंघन है।
राज्य में ब्लड की दैनिक ज़रूरत 4,000 से 5,000 यूनिट है, जिसमें मुंबई की मांग 1,000-1,400 यूनिट है। जून 2025 में मुंबई में ब्लड की भारी कमी देखी गई थी। SBTC का कहना है कि रक्त केवल 35 दिनों तक ही इस्तेमाल योग्य रहता है, जिसके बाद वह एक्सपायर हो जाता है। सभी ब्लड बैंकों को अब शिकायत और सुझाव पेटियां लगाने और 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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