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Maharashtra Politics: राजनीतिक मंच या पारिवारिक मिलन? ‘रुदाली’ टिप्पणी से गरमाई ठाकरे-काजिन्स की रैली, फडणवीस-शेलार ने साधा निशाना

Maharashtra Politics: राज ठाकरे को धन्यवाद देते हुए CM फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की स्पीच को ‘रुदाली’ बताया। बीजेपी नेताओं ने रैली को भाषा प्रेम नहीं, पारिवारिक मेल-मिलाप करार दिया।

मुंबई, 6 जुलाई: शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की हालिया ‘रियूनियन रैली’ में जुड़ाव की कोशिश जहां राजनीतिक चर्चा का केंद्र बनी, वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा नेताओं ने इस मंच पर तगड़ा राजनीतिक वार किया।

राज ठाकरे को धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने उद्धव ठाकरे के भाषण पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया था कि यह जीत की रैली है, लेकिन यह तो ‘रुदाली’ जैसी स्पीच बन गई।” ‘रुदाली’ शब्द का उपयोग उन्होंने उत्तर-पश्चिम भारत की एक प्रथा के लिए किया, जहां कुछ महिलाएं पैसे लेकर अंतिम संस्कार में शोक प्रकट करती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवसेना ने 25 साल तक BMC पर राज किया, लेकिन विकास नहीं कर पाई। “हमने BDD और पात्रा चॉल में मराठी लोगों को उनका हक दिलाया। इससे उन्हें जलन हो रही है,” उन्होंने कहा। फडणवीस ने खुद को “मराठी और हिंदू होने पर गर्व” बताया और कहा कि “सभी मराठी और गैर-मराठी लोग हमारे साथ हैं।”

इस रैली पर बीजेपी मुंबई इकाई के अध्यक्ष और मंत्री आशिष शेलार ने भी तंज कसा। उन्होंने कहा, “यह भाषा प्रेम की नहीं, घर से निकाले गए भाई को मनाने की रैली थी। ठाकरे बंधुओं को अपना भाईचारा तभी याद आता है जब भाजपा का डर सताता है।” कांग्रेस ने भी रैली को लेकर संशय जताया। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकळ ने कहा, “GR वापसी का जश्न मनाना ठीक है, लेकिन इसका राजनीतिक गठबंधन से कोई लेना-देना नहीं है।” उन्होंने दावा किया कि उन्होंने 600 लोगों को पत्र लिखकर भाषा आदेशों (GRs) के विरोध में एकजुट किया और शिक्षा विशेषज्ञों व मराठी भाषा प्रेमियों की बैठकें कीं।

इस रैली ने जहां ठाकरे परिवार को एक मंच पर लाने का संदेश दिया, वहीं बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इसे अलग नजरिए से देखा कोई इसे भावनात्मक नौटंकी कह रहा है तो कोई राजनीतिक मजबूरी।

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