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फडणवीस का बड़ा बयान
इस बीच, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार मराठा समाज के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन समाधान केवल संविधान की सीमाओं में ही संभव होगा।
फडणवीस ने चेतावनी दी,“अगर मराठा आरक्षण के लिए ऐसा कदम उठाया गया जिससे ओबीसी समाज के अधिकार प्रभावित हों, तो यह न्यायसंगत नहीं होगा।”
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विपक्ष पर हमला
फडणवीस ने आंदोलन के राजनीतिकरण को लेकर विपक्ष पर तीखा वार किया। उन्होंने कहा कि कुछ दल आंदोलन की आड़ में अपने स्वार्थ पूरे करने की कोशिश कर रहे हैं। “अब तक सभी को पता चल गया है कि मनोज जरांगे पाटिल के कंधे पर बंदूक रखकर कौन चला रहा है। ऐसे राजनीतिक षड्यंत्र न पहले सफल हुए हैं और न आगे होंगे।”
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जनसैलाब उमड़ा
मनोज जरांगे पाटिल के अनशन के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग आज़ाद मैदान पहुँचे। लगातार बारिश और कठिन हालात के बावजूद मैदान ‘एक मराठा, लाख मराठा’ और ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ जैसे नारों से गूंज उठा।
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सरकार की रणनीति
फडणवीस ने कहा कि सरकार ने पहले भी मराठा समाज के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ती रहेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि सुप्रीम कोर्ट और संविधान की मर्यादा में रहकर ही समाज को स्थायी और न्यायपूर्ण समाधान मिलेगा। उन्होंने लोगों से धैर्य रखने और उकसावे में न आने की अपील की।
मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर राज्य की राजनीति में उबाल ले आया है। एक ओर आंदोलनकारी आरक्षण के लिए सड़कों पर डटे हैं, वहीं सरकार संवैधानिक दायरे में रहकर समाधान निकालने की बात कर रही है। अब सबकी नज़रें आने वाले दिनों पर टिकी हैं कि यह संघर्ष समाधान तक पहुँचेगा या और लंबा खिंचेगा।
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