मुंबई के आजाद मैदान में मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण की मांग पर अनशन शुरू किया। 1,500 से अधिक पुलिसकर्मी और केंद्रीय बल तैनात, सरकार से वार्ता की संभावना।
मुंबई, 29 अगस्त: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्यभर में आंदोलन की लहर तेज हो गई है। इसी क्रम में मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मुंबई के आजाद मैदान में अपना अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है।
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कड़े सुरक्षा इंतजाम
मुंबई पुलिस ने हालात को नियंत्रित रखने के लिए 1,500 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। साथ ही सीआरपीएफ, आरएएफ, सीआईएसएफ और महाराष्ट्र सुरक्षा बल की एक-एक कंपनी को भी मैदान और आसपास के इलाकों में तैनात किया गया है। पुलिस को अंदेशा है कि आंदोलन के दौरान करीब 20,000 समर्थक यहाँ पहुँच सकते हैं।
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जरांगे का मुंबई मार्च
43 वर्षीय मनोज जरांगे ने 26 अगस्त को जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव से हजारों समर्थकों के साथ यात्रा शुरू की थी। गुरुवार सुबह उन्होंने पुणे के शिवनेरी किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि दी और फिर मुंबई की ओर रवाना हुए।
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आरक्षण की मांग
जरांगे की प्रमुख मांग है कि मराठा समाज को कुनबी जाति में शामिल किया जाए, ताकि उन्हें ओबीसी वर्ग का आरक्षण मिल सके। साथ ही उन्होंने 10 प्रतिशत आरक्षण देने की भी मांग उठाई है। उनका कहना है कि जब तक सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा।
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सरकार से वार्ता की संभावना
आजाद मैदान में प्रदर्शन की अनुमति केवल एक दिन और अधिकतम 5,000 लोगों के लिए दी गई है। हालांकि, जरांगे ने बताया कि उन्हें मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल का फोन आया था और सरकार की ओर से बातचीत की कोशिश जारी है।
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आंदोलन की पृष्ठभूमि
इससे पहले भी मनोज जरांगे ने जालना जिले में लंबे समय तक अनशन किया था, जिसके चलते मराठा आरक्षण का मुद्दा फिर से राजनीतिक रूप से गर्म हो गया था। अब मुंबई से शुरू हुआ यह आंदोलन राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
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