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अदालत और पुलिस की शर्तों का उल्लंघन
पुलिस के अनुसार, अदालत और प्रशासन ने आंदोलन को लेकर कई शर्तें तय की थीं। इनमें भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा इंतज़ाम और कानून-व्यवस्था से जुड़े नियम शामिल थे। लेकिन इनका पालन नहीं किया गया। पुलिस का कहना है कि शर्तों की अनदेखी गंभीर है, जिससे हालात बिगड़ सकते थे।
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आज़ाद मैदान खाली करने का आदेश
आज़ाद मैदान पुलिस ने जरांगे पाटिल की कोर कमेटी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि आंदोलन स्थल तुरंत खाली किया जाए। नोटिस में साफ लिखा गया है कि मौजूदा हालात अदालत के आदेशों के खिलाफ हैं और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए ख़तरा पैदा कर सकते हैं।
पुलिस ने यह भी कहा है कि जरांगे पाटिल द्वारा मीडिया में दिए गए कुछ बयान विवादित हैं। इन बयानों से माहौल और अधिक संवेदनशील हो सकता है। इसलिए इन्हें भी गंभीरता से लिया जा रहा है।
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प्रशासन की सख्ती और आगे की रणनीति
सूत्रों के अनुसार, पुलिस और प्रशासन हालात पर नज़र बनाए हुए हैं। जरांगे पाटिल और उनकी टीम से बातचीत चल रही है ताकि आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त कराया जा सके। प्रशासन का रुख साफ है कि कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर पुलिस और अदालत का यह कदम बेहद अहम है। यह साफ संकेत है कि नियमों का उल्लंघन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब सभी की नज़रें इस पर हैं कि मनोज जरांगे पाटिल अगला कदम क्या उठाते हैं।
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