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अदालत और प्रशासन पर सवाल
जरांगे पाटिल ने बताया कि अदालत के निर्देश के बाद उनकी ओर से सभी गाड़ियाँ हटा दी गईं। इसके बावजूद सरकार और पुलिस प्रशासन उन पर कार्रवाई कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार जानबूझकर आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है।
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मुंबई छोड़ने से इनकार
नेता ने साफ़ कहा कि जब तक आंदोलन पर लगाए गए प्रतिबंध नहीं हटते, वह मुंबई छोड़कर नहीं जाएंगे। उन्होंने एलान किया, “मैं मरते दम तक मुंबई नहीं छोड़ूँगा। मेरे जाने के बाद भी आंदोलनकारियों को शांत रहना चाहिए, यह लड़ाई शांति से लड़नी होगी।”
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58 लाख लोगों का पंजीकरण, पर प्रमाण पत्र लंबित
जरांगे पाटिल ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब तक 58 लाख लोगों ने मराठा आरक्षण के लिए पंजीकरण कराया है, लेकिन उन्हें अभी तक कुम्भी जाति के प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक प्रमाण पत्र जारी नहीं होंगे, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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शिंदे समिति पर दबाव
उन्होंने कहा कि जेलों और मंदिरों से संबंधित ऐतिहासिक रिकॉर्ड इकट्ठा करना बेहद ज़रूरी है और यह जिम्मेदारी शिंदे समिति की है। जरांगे का आरोप है कि समिति अपना काम ठीक से नहीं कर रही, जिससे आरक्षण की प्रक्रिया में देरी हो रही है।
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सरकार और पुलिस पर आरोप
जरांगे ने कहा कि अगर शनिवार और रविवार को बड़ी संख्या में लोग मुंबई पहुँचते हैं, तो सोमवार को विरोध प्रदर्शन और भी मज़बूत होगा। उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी, “अगर आपने आज़ाद मैदान के बाहर हमारे लड़कों पर लाठीचार्ज किया, तो सरकार की छवि ख़राब होगी।”
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फडणवीस पर गंभीर आरोप
अपने बयान में उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि फडणवीस अदालत में झूठी गवाही दे रहे हैं और कहा कि “उन्हें भी इसके परिणाम भुगतने होंगे।”
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संवाद की पेशकश
हालांकि उन्होंने यह भी दोहराया कि आंदोलनकारी हमेशा से सरकार से बातचीत के लिए तैयार रहे हैं। “हम पहले दिन से ही संवाद चाहते थे, लेकिन सरकार हमारे खिलाफ जा रही है,” उन्होंने कहा।
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आंदोलन जारी रखने का ऐलान
जरांगे ने स्पष्ट कहा कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और इसे शांति से ही आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने समर्थकों से अपील की कि किसी भी उकसावे में न आएँ और संयम बनाए रखें।
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