मुख्यमंत्री ने ‘वर्षा’ बंगले पर आपात बैठक बुलाई। मराठा आरक्षण आंदोलन से बिगड़े हालात, मुंबई में जाम और व्यापारिक नुकसान पर चर्चा, आंदोलनकारियों से वार्ता तेज करने के निर्देश दिए।
मुंबई,1 सितंबर: मराठा आरक्षण आंदोलन के चलते राज्य में बढ़ते तनाव और मुंबई में जाम जैसी स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने ‘वर्षा’ बंगले पर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में डिप्टी सीएम, वरिष्ठ मंत्री, गृह विभाग और पुलिस प्रशासन के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आंदोलन की स्थिति की समीक्षा करना और आगे की रणनीति तय करना है।
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मुंबई में बिगड़ते हालात पर चिंता
आज़ाद मैदान में मराठा समाज का विशाल मोर्चा और मुंबई के कई हिस्सों में यातायात बाधित होने से मुख्यमंत्री ने चिंता जताई। लगातार बढ़ती भीड़, व्यापारिक नुकसान और नागरिकों को हो रही कठिनाइयों पर भी चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने प्रशासन को कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आम जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
मराठा मोर्चा के कारण दक्षिण मुंबई में यातायात और व्यवसाय प्रभावित
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समाधान की राह खोजने की कोशिश
बैठक में यह भी तय किया गया कि आंदोलनकारियों से संवाद कायम रखते हुए शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में पहल की जाएगी। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि मनोज जरांगे पाटिल और मराठा नेताओं से वार्ता तेज की जाए ताकि आंदोलन को सकारात्मक दिशा दी जा सके। साथ ही, आरक्षण मुद्दे पर कानूनी और संवैधानिक पहलुओं की समीक्षा के लिए एक विशेष समिति गठित करने का प्रस्ताव भी सामने आया।
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व्यापार और नागरिक जीवन पर असर
बैठक में यह स्वीकार किया गया कि आंदोलन से मुंबई और अन्य शहरों के व्यापार, परिवहन और आम नागरिकों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को राहत उपाय तैयार करने और जरूरी सेवाओं को बाधित न होने देने के निर्देश दिए।
इस बैठक ने स्पष्ट किया कि सरकार आंदोलन को गंभीरता से ले रही है और शीघ्र समाधान खोजने के प्रयास तेज करेगी। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि जनता की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को हर हाल में प्राथमिकता दी जाएगी।
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