मुंबई में अनंत चतुर्दशी पर गिरगांव चौपाटी पर कुल 7,400 गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन सुरक्षित रूप से हुआ। लालबागचा राजा और मुंबईचा राजा जैसी कुछ प्रतिष्ठित प्रतिमाएँ अभी बाकी हैं।
मुंबई, 6 सितंबर: मुंबई में गणेश विसर्जन का असली अनुभव गिरगांव चौपाटी पर ही मिलता है। यह वही जगह है जहां शहर की सबसे प्रतिष्ठित गणेश प्रतिमाएँ, जैसे लालबागचा राजा और मुंबईचा राजा, अंतिम बार जल में डुबकी लगाती हैं। इस साल भी 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के अवसर पर लाखों श्रद्धालु इस घाट पर जुटे।
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भीड़ और विसर्जन आंकड़े
11वें दिन के विसर्जन की रिपोर्ट के अनुसार:
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दोपहर 3 बजे तक: कुल 2,198 गणेश प्रतिमाएँ, जिसमें 59 सार्वजनिक, 2,052 घरेलू और 87 गौरी प्रतिमाएँ शामिल थीं।
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शाम 7:30 बजे तक: विसर्जन की संख्या बढ़कर 7,400 हुई, जिसमें 358 सार्वजनिक, 6,898 घरेलू और 144 गौरी प्रतिमाएँ शामिल थीं।
इस दौरान किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली, जिससे प्रशासन और सुरक्षा प्रबंध सफल साबित हुए।
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भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्त्व
गणेश विसर्जन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह श्रद्धालुओं और परिवारों के लिए अत्यंत भावनात्मक पल होता है। भीड़ में ढोल-ताशे की गूंज, भजन, नृत्य और श्रद्धालुओं की भावनाएँ इस मौके को भव्य बनाती हैं। लोग बप्पा को विदा करते हुए कई बार भावुक भी हो जाते हैं, और यह दृश्य मुंबई की सांस्कृतिक और धार्मिक आत्मा को पूरी तरह दर्शाता है।
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सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंध
भीड़ और विशाल जुलूस को देखते हुए पुलिस और नगर निगम ने विशेष सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंध किए। घाटों के आसपास पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया, सड़कें एकतरफा कर दी गईं और आपातकालीन सेवाओं के लिए विशेष लेन बनाई गई। नागरिकों से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की अपील की गई।
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अवसर और अनुभव
गिरगांव चौपाटी पर गणेश विसर्जन मुंबई के हर नागरिक और श्रद्धालु के लिए अनिवार्य अनुभव है। यह वह पल है जब शहर एक साथ अपने बप्पा को श्रद्धापूर्वक विदा करता है। भीड़, उत्साह और भव्यता का संगम इस मौके को साल में एक बार का अद्वितीय उत्सव बनाता है।
कुल मिलाकर, गिरगांव चौपाटी का विसर्जन समारोह इस साल भी सुरक्षित और शांतिपूर्ण रहा। कुल 7,400 प्रतिमाओं का विसर्जन सुचारू रूप से संपन्न हो चुका है। यह न केवल मुंबई के धार्मिक उत्सवों की महत्ता को दर्शाता है, बल्कि शहरवासियों की एकजुटता और उत्साह को भी उजागर करता है।
हालांकि, अभी भी कुछ प्रतिष्ठित राजा प्रतिमाएँ बाकी हैं, जैसे लालबागचा राजा और मुंबईचा राजा, और आने वाले समय में और भी विसर्जन होंगे। जिसका हम आपको निरंतर अपडेट देते रहेंगे।
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