Mumbai Local News: 2014 से 2024 के बीच ठाणे-डोंबिवली रेलखंड पर 1,025 यात्रियों की मौत और 1,829 घायल। मौतों में गिरावट, लेकिन चोटों में भारी इजाफा। ओवरक्राउडिंग और बैकपैक संस्कृति बढ़ा रही जोखिम।
ठाणे, 30 जून : ठाणे से डोंबिवली तक की लोकल ट्रेनों में गिरकर मरने वालों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में घटी है, लेकिन गंभीर रूप से घायल होने वालों की संख्या में तेज़ बढ़ोतरी देखी गई है। यह ट्रैक सेंट्रल रेलवे के सबसे व्यस्त और खतरनाक मार्गों में से एक माना जाता है।
• 1,025 मौतें, 1,829 घायल
जनवरी 2014 से दिसंबर 2024 तक 1,025 लोगों की जान चली गई और 1,829 यात्री घायल हुए हैं। हाल ही में 27 जून को एक 21 वर्षीय युवक चलती ट्रेन से गिरकर मारा गया। यह हादसा 9 जून की मुम्ब्रा दुर्घटना के पास ही हुआ।
• मौतें घटीं, पर घायल ज्यादा
2014 में जहां 152 मौतें दर्ज हुई थीं, वहीं 2024 में यह संख्या 107 रह गई। लेकिन 2022 में जहां 106 यात्री घायल हुए थे, वहीं 2023 में यह बढ़कर 144 और 2024 में 203 हो गई—जो 10 वर्षों में सबसे ज़्यादा है।
• ओवरक्राउडिंग और बैग की आदत बनी समस्या
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ और यात्रियों की बदलती आदतें इसकी बड़ी वजह हैं। पहले लोग हाथ या कंधे पर बैग रखते थे, अब बैकपैक का चलन बढ़ गया है, जिससे ट्रेन के दरवाजों पर भीड़ और खतरा बढ़ गया है।
• ट्रैक डिजाइन पर बहस
डोंबिवली से ठाणे के बीच करीब 15 किमी का ट्रैक सबसे ज्यादा हादसों वाला माना जाता है। कुछ लोग तेज मोड़ों और पुराने डिज़ाइन को हादसों का कारण मानते हैं, खासकर दीवा-मुंब्रा-कालवा के बीच। पर रेलवे के पूर्व अधिकारी मानते हैं कि असली खतरा दरवाजे पर लटकते यात्रियों से है, न कि ट्रैक डिजाइन से।
ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों को अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। साथ ही रेलवे को भीड़ नियंत्रित करने और ट्रैक सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।