Mumbai News: मुंबई की जीवनरेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में बीते एक दशक में 26,547 लोगों की जान गई, लेकिन सरकार ने केवल 1,408 परिवारों को ही मुआवजा दिया है। बाकी परिवार आज भी न्याय की राह देख रहे हैं।
मुंबई, 30 जुलाई: मुंबई की लोकल ट्रेनें, जो रोज़ाना 70 लाख से अधिक यात्रियों की जीवनरेखा मानी जाती हैं, पिछले एक दशक में मौत की पटरियों में तब्दील होती जा रही हैं। जनवरी 2015 से मई 2025 तक, इन ट्रेनों में 26,547 यात्रियों की जानें गईं।
इन मौतों के पीछे के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
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चलती ट्रेन से गिरना
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प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच फंसना
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डिब्बों की अत्यधिक भीड़ के कारण गिरकर मौत
⚠️ प्रमुख घटनाएं:
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9 जून 2024, मुम्ब्रा स्टेशन: दो ट्रेनों के क्रॉस होने से 5 यात्रियों की मौत
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सितंबर 2017, एल्फिंस्टन भगदड़: 22 यात्रियों की जान गई
🧾 मुआवजा पाने में अड़चनें:
रेलवे का दावा है कि ये राशि “राहत” के रूप में दी जाती है, लेकिन क्लेम ट्रिब्यूनल की जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जो सालों खींच सकती है। परिणामस्वरूप हजारों परिवार अब भी न्याय और मुआवजे से वंचित हैं।
🗣️ विश्लेषण:
मुंबई लोकल कोई साधारण यातायात साधन नहीं, बल्कि एक आर्थिक और सामाजिक तंत्र का अभिन्न हिस्सा है। लेकिन मौजूदा व्यवस्था यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
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रेलवे को चाहिए कि मुआवजे की प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाए
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