Mumbai: बड़बोले नेताओं पर भड़के राज ठाकरे: मनसे कार्यकर्ताओं को चेतावनी, 29 तक चुप रहो!
राजनीतिक गठजोड़ की अटकलों के बीच बयानबाज़ी से नाराज़ राज ठाकरे। कहा— अनुशासन बनाए रखें, माहौल बिगाड़ने वालों से रहे सावधान।

Maharashtra politics: महाराष्ट्र में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक होने की चर्चाएं तेज है। इस बीच दोनों पार्टियों के बीच कुछ नेता माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे है। इसलिए राज ठाकरे ने अब कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं।
Mumbai: पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) से राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की संभावित युति को लेकर राज्य में अटकलों का बाजार गर्म है। राज-उद्धव के फिर से साथ आने की संभावनाओं की वजह से समर्थक व मराठी भाषी जनता उत्साहित है लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के साथ राज की अपनी पार्टी मनसे के कुछ बड़बोले नेता यूबीटी और उद्धव पर हमला बोलकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
पार्टी के बड़बोले नेताओं को राज ने साफ शब्दों में 29 तक चुप रहने का निर्देश दे दिया है। यूबीटी से गठबंधन को लेकर उद्धव गुट के साथ-साथ राज ठाकरे भी गंभीर नजर आ रहे हैं। राज और उद्धव सार्वजनिक तौर पर अपने बीच के छोटे-छोटे झगड़ों को भुला कर फिर से साथ आने की तैयारी दर्शा चुके हैं। लेकिन उनकी पार्टी के कुछ बड़े नेता अपने बयानों से बात बिगाड़ने की कोशिशें लगातार कर रहे हैं। ऐसे नेताओं को राज ने फिलहाल 29 अप्रैल तक मुंह बंद रखने का निर्देश दिया।
प्रकाश महाजन ने दिया संदेश
मनसे के वरिष्ठ नेता प्रकाश महाजन ने रविवार को कहा कि राज ठाकरे फिलहाल विदेश में हैं। उन्होंने संदेश दिया है कि वह 29 तक मुंबई लौटेंगे। तब तक मनसे का कोई भी नेता उद्धव की शिवसेना यूबीटी के साथ गठबंधन पर कोई बयान नहीं देगा।
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इन नेताओं ने दिया है विवादित बयान
महेश मांजरेकर के यू ट्यूब चैनल को दिए साक्षात्कार में राज ने कहा था कि महाराष्ट्र और राज्य की मराठी जनता के लिए मैं उद्धव के साथ अपने छोटे मोटे झगड़े भुलाने को तैयार हूं। इस पर उद्धव ने भी सकारात्मक प्रतिसाद दिए थे। लेकिन उन्होंने पहले राज के समक्ष शर्त रखी थी कि राज को मुख्य फडणवीस, उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकातें बंद करनी होगी। लेकिन बाद में पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने साफ कर दिया था कि कोई शर्त नहीं रखी है।
इसके बाद भी मनसे के मुंबई अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने उद्धव पर जोरदार हमला बोला था। देशपांडे ने कहा था कि उद्धव को शर्त लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि राज्य की राजनीति में सर्वाधिक लोगों को धोखा उद्धव ने दिया है। यशवंत किलेदार और अमेय खोपकर ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए विरोध किया था। खोपकर ने एक्स पर पोस्ट किया था कि वह भगवान से प्रार्थना करती हैं कि ऐसा अशोभनीय गठबंधन कभी भी न हो।